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________________ जैन भक्त कवि : जीवन और साहित्य कल्पवृक्ष और कामधेनुके समान है । विशुद्ध ज्ञानको दृष्टि भी उसीसे मिलती है , "सिद्धन कौं सिद्धि, ऋद्धि देहि संतन कौं महिमा महन्तन कौं देत दिन माही है, जोगी को जुगति हूं मुकति देव, मुनिन कू, भोगी कुंभुगति गति मति उन पांही है। चिन्तामन रतन, कल्पवृक्ष, कामधेनु सुखके समाज सब याकी परछांही है, कहैं मुनि हर्षचन्द निर्षदेय ज्ञान दृष्टि ऊंकार मंत्र सम और मन्त्र नाहीं है।" ___ कवि निहालचन्द सादृश्य-विधानमें निपुण थे। उन्होने अपनी लघुता दिखाते हुए सादृश्यकी रचना की है। कविने लिखा है कि मेरा यह काव्य बालक्रीडाकी भांति है, उसमें गलतियोंका होना स्वाभाविक है। सज्जन अपनी सुबुद्धि और उदारचित्तसे उनको सुधार लें। मेरे इस काव्यको वे पवनके स्वभावसे स्थानस्थानपर प्रसिद्ध कर दें, पन्नगके स्वभावसे एकचित्त होकर सुनें, भ्रमरके स्वभाक्से अर्थको सुगन्धि ग्रहण करें और हंसके स्वभावसे गुणोंको चुन लें, "हम पै दयाल होकै सज्जन विशाल चित्त मेरी एक वीनती प्रमान करि लीजियो। मेरी मति हीन तातें कीन्हो बाल ख्याल इहु. अपनी सुबुद्धि ते सुधार तुम दोजियो । पौन के स्वभाव तै प्रसिद्ध कीज्यौ और ठौर, पञ्चग स्वमाव एक चित्त में सुणीजियो। अलि के स्वभाव ते सुगन्ध लीजियो अरथ की, ' हंस के स्वभाव होके गुन को ग्रहीजियौ । बंगाल देशकी गजल इसपर रचनाकाल नही दिया है, किन्तु इसके वर्णनसे ऐसा प्रतीत होता है कि इसका निर्माण वि० सं० १७८२-९५ के बीचमे कभी हुआ। इसमें मुख्यतया बंगालके मुर्शिदाबादका वर्णन किया गया है। उस समय वहाँ नवाब शुजाशाह राज्य कर रहा था। बंगालके इतिहाससे स्पष्ट है कि शुजाशाहने ई० सं० १७२६ से १७३९ तक मुर्शिदाबादकी नवाबी की। इसी आधारपर उपर्युक्त संवत्की कल्पना की गयी है। मुनि कान्तिसागरजीने यह गजल 'भारतीय विद्या' में प्रकाशित करवा दी है। मुनि जिनविजयजीने उसका ऐतिहासिक सार भी दिया है। १. जैन सिद्धान्त भवन आरावाली प्रति । २. अभय जैन ग्रन्थालय बीकानेरवाली प्रति । ३. राजस्थानमें हिन्दीके हस्तलिखित ग्रन्थोंकी खोज, भाग २, उदयपुर, १९४७ ई०, पृष्ठ १५२ | ४. भारतीय विद्या, वर्ष १, अंक ४, पृष्ठ ४१३-२६ ।
SR No.010193
Book TitleHindi Jain Bhakti Kavya aur Kavi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsagar Jain, Kaka Kalelkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1964
Total Pages531
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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