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दिगम्बर जैन साधु
प्राचार्य श्री सूर्यसागरजी महाराज द्वारा
. दीक्षित शिष्य
मुनि श्री गणेशकीतिजी क्षुल्लक पूर्णसागरजी
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आ० श्री सूर्यसागरजी महाराज
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मुनिश्री गणेशकोतिजी महाराज
पूज्य वर्णीजी का जन्म विक्रम संवत् । १६३१ की आश्विन कृष्ण चतुर्थी को असाटी वैश्य के मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था। इनके पिताजी का नाम हीरालाल एवं माताजी का नाम उजयारी बहु था । लोग इन्हें गणेश नाम से पुकारने लगे। बुन्देलखण्ड के गांव में लोग कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखते हैं। इसी . कारण से इनका नाम गणेशप्रसाद रखा गया। परन्तु यह कौन जानता था कि यह "गणेश" सचमुच गण+ईश होगा। किन्तु इन्होंने अपने
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