________________
दिगम्बर जैन साधु
[ ५४३ आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी आपके पिता का नाम श्री सुन्दरलालजी था। मां का नाम श्रीमति हलकीवाई था। आपका पूर्व नाम रतनबाई था। आपकी धर्म के प्रति रुचि बालकपन से ही थी। १३ वर्ष की उम्र में शादी हो गई थी। धर्म की ओर अपने मनोभाव बढ़ाये तथा वि० सं० २०२३ में दिगम्बरी दीक्षा श्री कुन्थुसागरजी से धारण की।
सं० २०३२ दिल्ली में आपने क्षुल्लिका दीक्षा ली तथा सं० २०३४ में आर्यिका दीक्षा लेकर अपना जीवन सफल कर लिया ।
प्रायिका शान्तिमती माताजी. आपके पिता का नाम श्री नाथूरामजी था । जैसवाल गौत्र में जन्म लिया। आपका नाम कलावती था । १६ वर्ष की उम्र में शादी हो गई थी। आपके ५ सन्तानें थीं । बचपन से संयम के प्रति रुचि थी। पर योग नहीं मिल पाया । सं० २००४ में आपके पति का आकस्मिक निधन हो गया। आपके मन में वैराग्य आया और आपने आर्यिका दीक्षा ली और आत्म साधना कर रही हैं।