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दिगम्बर जैन साधु
क्षुल्लिका राजमती माताजी
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आपने पू० पायसागरजी से क्षु० दीक्षा ली । आप मुनि जम्बूसागरजी महाराज की पूर्व अवस्था की धर्मपत्नी हैं । आप धर्म साधना में लीन रहती थीं। पू० मुनि श्री के सम्पर्क से आपने दीक्षा ले ली । आप निरन्तर पूजा पाठ विधि विधान आदि बराबर कराती रहती हैं । आपका जन्म दक्षिण भारत में हुवा था । आप अभी भी धर्म प्रभावना कर रही हैं ।