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दिगम्बर जैन साधु आपिका चेतनमतीजी
आपका जन्म राजस्थान प्रान्त में सीकर नगर में हुवा था आपका पूर्व अवस्था का नाम श्री वरगबाई था। : आपकी मां का नाम दाखांबाई था । आप परम पू० प्राचार्य ।
श्री धर्मसागरजी महाराज से प्रायिका दीक्षा मुजफ्फर नगर में माघ सुदी पंचमी को लेकर आत्म कल्याण के मार्ग में संलग्न हैं।
मा० विपुलमतीजी
श्री भागवतीवाईजी बचपन से ही धर्म में रुचि रखने वाली बालिका थी। आपका विवाह शिवपुरी जिला गूडर में श्री गुलाबचन्दजी के साथ हुवा था आपको १ पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई; पर कुछ समय बाद आपके पति का स्वर्गवास हो गया। आपने धर्म मार्ग को अपनाया तथा शेष समय धार्मिक कार्यो में लगाया। १९६२ में गृह त्याग कर आचार्य श्री से आ० दीक्षा लेकर संघ में रहकर आत्म कल्याण के मार्ग में संलग्न हैं। आपके सुपुत्र भी मुनि दीक्षा लेकर आत्म साधना में निरत हैं ।