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दिगम्बर जैन साधु माथिका सुरत्नमतीजी
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आपका जन्म मध्यप्रदेश में पन्ना जिले के अन्तर्गत . गुनौर गांव में हुआ। आपके पिताजी श्री बनीप्रसादजी व माताजी कमलाबाई जैन की आप तीन में से एक लाड़ली बेटी थी । आपका जन्म संवत् २०१४ में वैशाख बदीs के दिन हुआ था। आपका जन्म नाम सुधाकुमारी रखा था। वैसे तो आपको बाल्यावस्था से ही धर्म में अधिक रुचि रही । आपके भाई की दीक्षा देखकर आपको सोलह वर्ष की अल्पायु में ही इस संसार रूपी मोह जाल से वैराग्य हो . गया । तभी से आपने घर का त्याग कर दिया और १०८
श्री दयासागरजी महाराज के संघ में दो वर्ष तक रहकर
। धार्मिक मर्म एवं शास्त्र ज्ञान का मार्मिक अध्ययन किया। २५०० वें निर्वाण महोत्सव के सुअवसर पर प्रात स्मरणीय आचार्य १०८ श्री धर्मसागरजी महाराज से आपने दिल्ली में १८ वर्ष की अल्पायु में आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। उन्हीं के सान्निध्य में सन् १९७६ में बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन मुजफ्फरनगर ( उ० प्र०) में आपने . आर्यिका दीक्षा ग्रहण की। उसके बाद आप सम्मेदशिखरजी, गोम्मटेश्वर बाहूबलीजी, धर्मस्थल, मागीतुगीजी, गजपंथा, पोदनपुर समस्त भारतीय सिद्ध क्षेत्र की यात्रा करते हुए बम्बई में चातुर्मास के साथ-साथ धर्म प्रभावना कर रही हैं।
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