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दिगम्बर जैन साधु
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आपने सर्वार्थसिद्धि, गोम्मटसार तक धार्मिक अध्ययन जहां किया वहां न्याय - व्याकरण के ग्रन्थ भी पढ़े। संघ के नियमानुसार आप अपना अधिकांश समय धर्म ध्यान व शास्त्र स्वाध्याय में लगाती हैं ।
आर्यिका श्री विद्यामतोजी
१० जनवरी १९१९ को मुबारिकपुर अलवर जिले में आपका जन्म हुवा था । आपके पिताजी का नाम चिरंजीलालजी एवं माताजी का नाम इमरतीवाई था । आप पालीवाल जाति की हैं । आपकी शादी पालम दिल्ली में हुई आपके दो लड़के हैं । आपके पति का वियोग होने से आपको अपने आप पर निर्भर होना पड़ा तथा आपने शिक्षक का पद सम्भाला तथा २० वर्ष तक स्कूल में बच्चों को शिक्षा दी । संसार से अनायास वैराग्य आया तथा आचार्य श्री धर्मसागरजी महाराज से महावीरजी में सं० २०२५ में आर्यिका दीक्षा ली । आप कुशल वक्ता तथा तपस्वी साधु हैं । दशलक्षण, अठाई, सोलह कारण, आदि उपवास आप सदा करती रहती हैं ।