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दिगम्बर जैन साधु आर्यिका विमलमतीजी
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श्री १०५ विमलमतीजी का गृहस्थावस्था का नाम फुलीबाई था। आपका जन्म आज से लगभग ७० वर्ष पूर्व अडंगावाद ( वंगाल ) में हुआ था। आपके पिता श्री छगमलजी थे। जो प्रेस का काम करते थे । आपकी माता श्री दाखावाई थी। आप खण्डेलवाल जाति की भूषण हैं। आपकी धार्मिक और लौकिक शिक्षा साधारण हुई । आपका विवाह भी हुआ । आपके परिवार में तीन भाई, दो वहन, तीन पुत्र व तीन पुत्रियां हैं ।
__ गुरु संगति के कारण भावों में विशुद्धि आयी । अतः आपने विक्रम सं० २०२६ में सुजानगढ़ (राजस्थान) में श्री आचार्य विमलसागरजी से क्षुल्लिका दीक्षा ले ली । आपको णमोकार आदि मंत्र का विशेष ज्ञान है । आपने तेल, दही आदि रसों का त्याग किया है तदनन्तर आचार्य धर्मसागरजी से आयिका दीक्षा लेकर आचार्य संघ में धर्म साधनारत हैं।