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दिगम्बर जैन साधु
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प्रायिका वीरमतीजी
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श्री १०५ प्रायिका वीरमतीजी का गृहस्थावस्था का नाम चांदबाई था। आपका जन्म आज से लगभग ६० वर्ष पूर्व जयपुर (राजस्थान ) में हुआ था आपके पिता का नाम श्री जमुनालाल था तथा आपकी माता गुलाबवाई थी। आप खण्डेलवाल जाति की भूषण हैं। आपकी लौकिक शिक्षा व धार्मिक शिक्षा साधारण हुई । आपका विवाह श्री कपूरचन्द्रजी के साथ हुआ।
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- स्वयं के चारित्र व आचार्य श्री १०८ शान्तिसागरजी के आगमन से भावों में विशुद्धि हुई अतः सिद्धवरकूट सिद्धक्षेत्र में क्षुल्लिका की दीक्षा ली । विक्रम संवत् १९६५ में इन्दौर में स्वर्गीय १०८ आचार्य वीरसागरजी से आर्यिका की दीक्षा ली। आपको संस्कृत व हिन्दी पर विशेष अधिकार है। आपने खातेगांव, उज्जैन, इन्दौर, झालरापाटन, जयपुर, ईसरी, कोटा, उदयपुर आदि स्थानों पर चातुर्मास कर धर्मवृद्धि की । आपने दूध के अलावा अन्य समस्त रसों का त्याग किया है।
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