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मुनिश्री नेमिसागरजी महाराज
जाति
माता का नाम
पिता का नाम
जन्म स्थान
दीक्षा
पंचम
शिवादेवी
नेमराज
कुडची (वेलगांव )
समडोल (वेलगांव ) कार्तिक सुदी १५ सं० १९८१
आचाय महाराज तपोमूर्ति थे । 'उनके शिष्य ने मिसागर महाराज भी बहुत सरल थे तथा उनका जीवन तपः पुनीत समलंकृत था । श्राचार्य महाराज ने जिनेन्द्र 'शासन से पूर्ण विमुख नेमण्णा नामक कुडची के व्यापारी की जीवनी को बदल दिया ।
वे ही आज श्रद्धालु श्रेष्ठ तपस्वी अद्वितीय
;
गुरुभक्त १०८ परमपूज्य ने मिसागर महाराज के रूप में मुमुक्षु वर्ग का कल्यारण कर रहे हैं । उन्हें दीक्षा लिए हुए ४५ वर्ष से अधिक होगए ।
एक उपवास एक आहार का क्रम चलता आ रहा है। बाईस वर्षों के ८०३० दिन होते हैं। तीस चोवीस व्रत के ७२० उपवास किए। कर्मदहन के १५६ तथा चारित्र सिद्धिव्रत के १२३४ उपवास हुए। दशलक्षण में पांच वार दस दस उपवास किए अष्टाह्निका में तीन बार आठ आठ उपवास किए । इसप्रकार २४ उपवास किए। लोगंद में नेमिसागर महाराज ने १६ उपवास किए। इसप्रकार उनकी तपस्या अद्भुत थी । चारित्र चूड़ामणि नेमिसागरजी को उपवास में आनन्द आता था ।