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भगवान महावीर गुरु के पास गया ही नहीं, उसी समय उसने बुद्धधर्म अद्गिकार कर लिया । "महापगा" नामक ग्रन्थ में लिखा है कि, लिक्षिक जाति के ज्ञानीपुत्र के एक शिष्य ने बुद्धसं मुलाकात की थी और उसने तत्काल ही अपना मत बदल दिया। इस प्रकार और भी कई अन्थो में जैनियों की खूब निन्दा की गई है। ___ आगे जाकर इन निन्दा के भावों ने विद्रोह का रूप धारण कर लिया और यह भी कहा जाता है कि, बौद्धधर्म के कुछ राजाओ ने जैन लोगो की कल तक करवा दी। पर इस बात में सत्य का कितना अंश है यह नहीं कहा जा सकता।