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________________ १९ भगवान महावीर पैदा करती है। प्रकृति का यह नियम सनातन है। इसी नियम के अनुसार उसने तत्कालीन सामाजिक परिस्थिति का संशोधन करने के लिये एक साथ दो महापुरुषों को पैदा किये। ये दोनों महापुरुष भगवान महावीर और भगवान् बुद्धदेव थे । संसार के इतिहास में इन दोनों ही महात्माओं को कितना उच्च स्थान प्राप्त है, यह पतलाने की आवश्यकता नहीं। इन दाना महापुरुषों ने भारतवर्ष में अवतीणे होकर यहा की नैतिक, मानसिक, सामाजिक और धार्मिक दुरावस्थाओं का निराकरण कर समाज के अन्तर्गत ऐसी जीवित शान्ति उत्पन्न कर दी कि जिस के प्रताप से भारतीय समाज एक बार फिर से उन्नत ममाज कहलाने के लायक हो गया । इनके उन्नत चरित्र और मद्विचारों का जनता पर इतना दिव्य और स्थायी प्रभाव पडा कि जिसके कारण वह भविष्य में भी कई शताब्दियों तक अपना कर्तव्य-पालन करती रही । तात्पर्य यह है कि इन दोनो महापुरुषों ने अपने व्यक्तित्व के वल से भारत में पुन. स्वर्णचुग उपस्थित कर दिया। इन्हीं दोनों महात्माओं में से भगवान महावीर का पवित्र जीवन चरित्र इस प्रन्थ में अष्ठित है। आजकल के कुछ लोग भगवान महावीर को बहुत ही संकीर्ण निगाह में देखते हैं। वे उनकी मांदा केवल जैन समाज तक ही मानते हैं । पर वास्तविक बात ऐसी नहीं है। आगे हम यह बतलाने का प्रयत्न करेंगे कि महावीर पर केवल जैनियों का ही अधिकार नहीं है। यह सत्य है कि उन्होंने पूर्व प्रचलित जैन धर्म को ग्रहण कर उसे कुछ संशोधन के साथ प्रचारित किया, पर इससे यह कदापि सिद्ध नहीं
SR No.010171
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherMahavir Granth Prakashan Bhanpura
Publication Year
Total Pages435
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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