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७८ भगवान महावीर की सूक्तियाँ
२५६
एगमप्पाणं संपेहाए धुणे सरीरग
२६० छन्दं निरोहेण उवेइ मोक्ख
२६१ सक्ख खु दोसइ तवो विसेसो न दीसई जाइ विसेस कोई
२६२ तवो जोइ जीवो जोई ठाण जोगा सुया सरीरं कारिसग कम्मेहा सजमजोग सन्ति होम हुणामि इसिणपसत्थ
२६३
कसेहिं अप्पाण जरेहि अप्पाण
२६४
अप्पपिण्डासि पारणासि अप्पभासेज्ज सुव्वए
२६५ यो पाणभोयणस्स अतिमत्त
आहारए सया भवई