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२६ बोल
-उपभोग और परिभोग मे आने वाली वस्तुए तो अनेकानेक है । तथापि मनीषी लोगो ने उन वस्तुओ का २६ बोलो मे संग्रह कर दिया है । इन बोलो मे प्राय जीवनोपयोगी आवश्यक सभी वस्तुओं को सगृहीत कर लिया गया है। इन बोलो की जानकारी से परिग्रह की मर्यादा करने वाले व्यक्ति को बड़ी सुगमता हो जाती है । वह जब यह जान लेता है कि जीवन को चलाने के लिए विशेषरूप से किन पदार्थों की आवश्यकता होती है ? तब उन की तालिका बना कर उन्हे मर्यादित करना उस के लिए सरल हो जाता है । वे २६ वोल इस प्रकार है
१. उल्लणिया-विधिप्रमाण- प्रद्र शरीर को या किसी भी आर्द्रा शरीरावयव को पोछने के लिए जिन वस्त्रो की आवश्यकता होती है, उन की मर्यादा करना ।
२ दन्तवणविधिप्रमाण - दान्तों को साफ करने के लिए जिन पदार्थो की आवश्यकता होती है, उन पदार्थों की मर्यादा
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करना ।
३ फलविधिप्रमाण - दातुन करने के अनन्तर मस्तक या बालो को स्वच्छ तथा शीतल करने के लिए जिन वस्तुओ की आवश्यकता होती है, उन की मर्यादा करना या बाल आदि धोने के लिए आवला आदि फलो की मर्यादा करना । अभ्यञ्जनविधिप्रमाण - त्वचासम्वन्धी विकारो को
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एक वार प्रयोग में लाए जाने वाले पानी आदि पदार्थो का सेवन उपभोग और अनेक वार प्रयोग मे आने वाने वाले वस्त्र, पात्र आदि पदार्थो का उपभोग परिभोग कहलाता है ।