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तीर्थकरो को जन्म देती है। हम नीचे स्वप्न-दृष्ट पदार्थों द्वारा माता विगला की मानसिक दशा का एव भावी तीर्थङ्कर की अभिलाषाओ का परिचय इस प्रकार दे सकते हैं :
१. सफेद हाथी माता त्रिशला : वह पवित्र आचरणवाला, किन्तु अत्यन्त वलशाली पुत्र
चाहती थी। महावीर : गर्भस्थ शिशु का जीवन पावन एव शारीरिक शक्ति अपरिमित होगी।
२. सफेद बैल माता त्रिशला : माता शुद्ध धर्माचरण का पालन कर रही थी (वैल धर्म
और वल का प्रतीक है) महावीर : भावी शिशु धर्म का साक्षात् स्वरूप होगा।
३. सिंह माता विशला : उसकी भावना थी कि उसका पुत्र महान शासक बने । महावीर : भावी शिशु जगलो मे रहेगा,वह सिंह के समान निर्भीक
होकर हिंसा का विरोध एव पापो का सहार करेगा, वह शासक होगा, धर्म-सघ का, सामान्य प्रजा का नहीं ।
४. लक्ष्मी माता त्रिशला : माता त्रिशला, चाहती थी कि मेरा पुत्र लक्ष्मीवान
हो और घर मे लक्ष्मी सी वह लाए। महावीर : भावी शिशु लक्ष्मी को ठुकराकर मोक्ष-लक्ष्मी का
वरण करेगा।
___५. पुष्पमाला माता विशला : मेरा भावी पुत्र संगठन एवं एकता का विधाता हो। महावीर : भावी शिशु चतुर्विध श्री संघ का सगठन करेगा।
६, चन्द्र माता त्रिशला : मेरी भावी सन्तान सुन्दर हो और वह अनेक पत्नियो
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[ च्यवन-कल्याणक