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________________ और म० वुद्ध ] [२९ भगवान महावीर और म० बुद्धका प्रारंभिक जीवन। · ईसासे पूर्वकी छठी शताब्दिके भारतमें जो क्रान्ति उपस्थित थी उसके शमन करनेके लिये ही मानो भगवान महावीर और म० बुद्धका शुभागमन हुआ था। यह दोनो ही महानुभाव इक्ष्वाक वंशीय क्षत्रियोके गृहमें अवतीर्ण हुये थे।' यद्यपि दोनों ही युगप्रधान पुरुष हम आप जैसे मनुष्य थे; परन्तु अपने पूर्वभवोमें विशेष पुण्य उपार्जन करनेके कारण उनके जीवन साधारण मनुष्योसे कुछ अधिकता लिये हुये थे । यही बात बौद्ध और जैन ग्रन्थ प्रगट करते है। बौद्धशास्त्र कहते हैं कि जिस समय मं० बुद्धका जन्म हुआ उस समय कतिपय अलोकिक घटनायें घटित हुई थी और जब वे अपनी माताके गर्भ में आये थे तब उनकी माताने शुभ स्वम देखे थे। भगवान महावीरके विषयमें भी कहा गया है कि जब वे अपनी माताके गर्भमे आये थे तब उनकी माताने सोलह शुभ स्वप्न देखे थे जिनके सांकेतिक अर्थसे एवं उस समय स्वर्गलोकके देवगणों द्वारा उत्सव मनानेसे यह ज्ञात होगया था कि अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीरका जन्म शीघ्र ही होगा। चैत्र शुक्ला त्रयोदशीके रोन जव उनका जन्म हुआ तब दिशायें निर्मल होगई थीं, समुद्र स्तब्ध । १ बुद्ध जीवन (3. B.E XIX) पृष्ट ५-१० भऔर जैनसुत्र (S. BE.) भाग १ पृष्ठ १४१ । २ बुद्ध जीवन (S. B. E. XIX) पृष्ट ५-१० ।
SR No.010165
Book TitleBhagavana Mahavira aur Mahatma Buddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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