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[ भगवान महावीर यहां नं० १ और नं. ५ के प्रमाणोंमें विल्कुल स्पष्ट रीतिसे चीरनिर्वाणके ४७० वर्ष उपरान्त विक्रमका जन्म होना लिखा है।
और यह ज्ञात ही है कि वीरनिर्वाण ५२७ वर्ष पहिले जो ईसासे माना जाता है वह वीर निर्वाणसे ४७० वर्ष वाद नृप विक्रमका राज्यारोहण माननेसे उपलब्ध हुआ है क्योकि यह प्रमाणित है कि नृप विक्रमका सवत् उनके १८ वर्षकी अवस्थामें राज्यारोहणसे प्रारम्भ होता है।' इस अवस्थामें स्वीलत निर्वाणकालमें १८ वर्ष जोड़ना आवश्यक ठहरता है, क्योकि उक्त गाथाओमें स्पष्टरीतिसे वीरनिर्वाणसे ४७० वर्ष वाद विक्रमका जन्म हुआ लिखा है । इस तरहपर प्रचलिन वीरनिर्वाण सम्वत् शुद्ध रूपमे ईसासे पूर्व ५४९ वर्ष ( ५२७+१८) मानना चाहिये। इस ही मतको श्रीयुत काशीप्रमाद जायसवाल और पं० विहारीलालजी बुलन्दशहरी प्रमाणिक बतलाते है। जैनदर्शनदिवाकर डॉ० कोवी भी इस मतको स्वीकार करने प्रतीत होते है, जैसा उनके उस पत्रसे प्रकट है जो उन्होंने हमको लिखा था और जो 'वीर' वर्ष २ पृष्ठ ७८-७९में प्रकाशित हुआ है। इसके साथ ही अन्य प्रमाणो में कोई स्पष्ट उल्लेख
नहीं है। ऐसी अवस्थामें यदि शकरानाका जन्म भी ६०५ वर्ष • ६ महीने बाद वीरनिर्वाणसे माना जावे तो कुछ असगतता नजर
नहीं आती। इस दशामें वीरनिर्वाण ईसासे पूर्व ५२७ वर्ष पहिले __-'माननेका शुद्ध रूर ६४६ वर्ष पहिले मानना उचित प्रतीत होता..
है । यह निर्माणकाल हमारे उक्त पारस्परिक जीवन सम्बन्धमे भी। ठीक बैठ जाता है; क्योंकि सिंहलबौद्धोकी मानताके अनुसार म.
१ मदन कोष और भारतके प्राचीन राजवश ।