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________________ -और म० युद्ध [ १०१ है । उनका पारस्पारिक जन्म अंतर प्राप्त होनेके साथ ही हमको उनकी अन्य जीवनघटनाओका सम्बन्ध स्पष्टतः ज्ञात हो जायगा। इस विषयमें डॉ. हार्नलेसाहबने विशेष अध्ययनके उपरात यह निर्णय प्रगट किया है कि भगवान महावीरके निर्वाणलाभके पश्चात पांच वर्षतक म० बुद्ध और जीवित रहे थे। उस मान्यताको मान देते हुये हमें म० बुद्धका जन्म भगवान महावीरके जन्मने तीन वर्ष पहिले हुआ प्रमाणित मिलता है । दूसरे शब्दोमें डॉ० हानलेसाहवकी गणना के अनुमार म० बुह भगवान महानीरके जन्म समय तीन वर्षकै थे, उनके गृहत्यागके अवसरपर वे तेतीस वर्षके ये और नन भगवान महावीरने अपनी करीव बियालीस वर्षकी यवस्था सर्वज्ञता प्राप्त कर चुकनेपर उपदेश देना प्रारम्भ किया तब वे प्रायः पैतालीस वर्षके थे। इसी तरह जव म० बुद्धने अपनी पेंतीस वर्षकी उमरमें 'मध्यमार्ग' का उपदेश देना प्रारम्भ किया था, तब भगवान महावीर करीब तेतीस वर्ष के थे। इसप्रकार डॉ० हानलेकी मान्यताके अनुसार इन दोनो युगप्रधान पुरुषोंके पारस्परिक सम्बंध ज्ञात होते है, किन्तु इनको विशेष प्रमाणिक जाननेके लिये डॉ० हार्नलेसाहबकी गणनाके औचित्यपर भी एक दृष्टि डाल लेना आवश्यक है। डॉ० हानले साहब जो इस गणनापर पहुंचे है वह विशेष प्रमाणोको लिये हुये है । तथापि उनकी इस गणनाका समर्थन ऐनिहासिक साक्षीसे भी होता है । प्रो० कर्न सा० के मतानुसार सत्राट. 1. भाजिवक्स, हेस्टिन्गाका इन्सालकोपेठिया भोफ रिलीजन एण्ड इंथिक्स - - -
SR No.010165
Book TitleBhagavana Mahavira aur Mahatma Buddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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