________________
१.०० ]
[ भगवान महावीर -
(५)
पारस्परिक कालनिर्णय ।
भगवान महावीर और म० बुद्धके पारस्परिक जीवनका हम तुलनात्मक रीति से अध्ययन कर चुके हैं और हमने उसमें कहीं भी साम्यता नहीं पाई है । प्रत्युत जीवन घटनाओकी विभिन्नता ही सर्वथा दृष्टि पडती रही है। ऐसी अवस्थामें यह स्पष्ट है कि भगवान महावीर और म० बुद्ध एक ही व्यक्ति न होकर दो समकालीन युगप्रधान पुरुष थे ! समकालीन अवस्था में भी इनके जीवनोका पारस्परिक सम्बन्ध क्या था, यह जानना भी आवश्यक है, परन्तु भारतीय इतिहास जितना अस्पष्ट और अंधकारमय है उसको देखते हुये आजसे करीब ढाईहजार वर्ष पहिले हुये युगप्रधान पुस्पोंके पारस्परिक जीवन सम्बन्धोका ठीक पता लगा लेना बिल्कुल असम्भव बात है । तो भी जो साहित्यसामग्री उपलब्ध है उसका आश्रय लेकर हम इस विषय मे एक निर्णयपर पहुंचने का प्रयत्न करेंगे ।
9
यह हमको मालूम है कि भगवान महावीरको निर्वाणलाभ उस समय प्राप्त हुआ था जब वे करीब बहत्तर वर्षके थे । और म० बुद्धका 'परिनिव्वान' जैसा कि बौद्ध कहते है, उनकी अस्सी वर्षकी अवस्थामें हुआ था । इससे यह बिल्कुल स्पष्ट है कि म० बुद्धकी उमर भगवान महावीरसे अधिक थी । अब इन दोनों युगप्रधान पुरुषोंके जन्म समय में कितना अन्तर था, यह जानना शेष
१. जैनसूत्र ( S. B, E) भाग १ पृष्ट २६९. २ बुद्धिस्ट सुनस (S. B. E. ) प्रष्ट ९ - १०१.