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उसके दो भाग थे । एक भाग की राजधानी कुशीनारा थी, जिससे स० बुद्ध का विशेष सम्पर्क था । दूसरे भाग की राजवानी पावा थी । वहाँ के प्रमुख राजा हस्तिपाल थे । भ० सहावीर ने यहीं से मोक्षपढ़ पाया था ।
(४) काल्पि - गणराज्य की राजधानी रामम थी । उस मे कोल्यि क्षत्रियों की प्रधानता थी ।
इनके अतिरिक्त भग्ग, मोरीय, बुलि आदि गणराज्य भी थे । इनके मुकाविले में दूसरी ओर एकाधिपतित्व के अधिकारी राजा लोग थे । उनमें निम्नलिखित उल्लेखनीय थे:
(१) मगध — के सम्राट श्रेणिक विम्बसार थे । उनकी राजधानी राजगृह थी । वर्तमान के विहार प्रान्त का अधिकांश भाग उसमे सम्मिलित था । मगध ही उपरान्त भारत का शासनकेन्द्र बना था ।
(२) उत्तरीय कौशल का राज्य मगध से उत्तर पश्चिम की ओर था, जिसकी राजधानी श्रावस्ती थी ।
(३) कौशल से दक्षिण की ओर वत्स राज्य था । उसकी राजधानी कौशाम्बी यमुना किनारे थी । यहाँ के राजा उदयन प्रसिद्ध थे ।
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(४) वत्सदेश से दक्षिण-पश्चिम की ओर अवन्ती का राज्य था । उज्जयनी उसकी राजधानी थी । यहाँ के चन्द्रप्रद्योत राजा विख्यात थे ।
(५) कलिङ्ग - राज्य वर्तमान का ओड़ीसा प्रान्त है । यहाँ के राजा जितशत्रु भ० महावीर के फूफा थे ।
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