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________________ ( ५३ } उसके दो भाग थे । एक भाग की राजधानी कुशीनारा थी, जिससे स० बुद्ध का विशेष सम्पर्क था । दूसरे भाग की राजवानी पावा थी । वहाँ के प्रमुख राजा हस्तिपाल थे । भ० सहावीर ने यहीं से मोक्षपढ़ पाया था । (४) काल्पि - गणराज्य की राजधानी रामम थी । उस मे कोल्यि क्षत्रियों की प्रधानता थी । इनके अतिरिक्त भग्ग, मोरीय, बुलि आदि गणराज्य भी थे । इनके मुकाविले में दूसरी ओर एकाधिपतित्व के अधिकारी राजा लोग थे । उनमें निम्नलिखित उल्लेखनीय थे: (१) मगध — के सम्राट श्रेणिक विम्बसार थे । उनकी राजधानी राजगृह थी । वर्तमान के विहार प्रान्त का अधिकांश भाग उसमे सम्मिलित था । मगध ही उपरान्त भारत का शासनकेन्द्र बना था । (२) उत्तरीय कौशल का राज्य मगध से उत्तर पश्चिम की ओर था, जिसकी राजधानी श्रावस्ती थी । (३) कौशल से दक्षिण की ओर वत्स राज्य था । उसकी राजधानी कौशाम्बी यमुना किनारे थी । यहाँ के राजा उदयन प्रसिद्ध थे । 1 (४) वत्सदेश से दक्षिण-पश्चिम की ओर अवन्ती का राज्य था । उज्जयनी उसकी राजधानी थी । यहाँ के चन्द्रप्रद्योत राजा विख्यात थे । (५) कलिङ्ग - राज्य वर्तमान का ओड़ीसा प्रान्त है । यहाँ के राजा जितशत्रु भ० महावीर के फूफा थे । -
SR No.010164
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Parishad Publishing House Delhi
PublisherJain Parishad Publishing House Delhi
Publication Year1951
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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