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________________ ( ५२ ) अथवा सिंहभद्र नामक उनके पुत्र वज्जिय राजसघ की सेना के सेनापति थे। उनके नौ भाई (१) धन (२) दन्तभद्र (३) उपेन्द्र, (४) सुदत्त, (५) सुकुंभोज, (६) अकंपन (७) सुपतंग, (८) प्रभंजन और (६) प्रभास नामक थे । सिंहभद्र की सात वहने थीं; जिनमें सबसे बड़ी त्रिशला प्रियकारिणो भगवान् सहावीर की माता थीं। अवशेष मृगावती, सुप्रभा प्रभावती, चेलनी, ज्येष्टा और चंदना नामक थीं । मृगावती कौशाम्बी के राजा शतानीक को व्याही थीं । वत्सराज उदयन् उन्हीं के पुत्र थे। सुप्रभा का विवाह दशार्ण देश के राजा दशरय के साथ हुआ था। प्रभावती राजकुमारी सिंध-सौवीर अथवा कच्छदेश के राजा उदयन के राजमहलों की राजरानी थीं। चेलनी मगध के सम्राट श्रेणिक की पटरानी हुई थीं। ज्येष्ठा और चदना आजन्म ब्रह्मचारिणी रही थीं। लिच्छवि क्षत्रियों की सधि नौ मल्लकि और अठारह काशी कौशल के गण राजाओं से हुई थी। उनकी शक्ति संगठित और वल अतुल था। मगध सम्राट ने कई दफा उनपर श्राक्रमण किया, परन्तु वह सफल मनोरथ नहीं हुए। [२] शाक्य गणराज्य में म. गौतमबुद्ध का जन्म हुआ था। कपिलवस्तु उसकी राजधानी थी। शुद्धोदन उसके प्रमुख राजा थे। (३) मल्ल गणगज्य-में मल्लवंशीय क्षत्रियों का बाहुल्य था। उसमें नौ क्षत्रिय राजा मिलकर राज प्रबन्ध करते थे।
SR No.010164
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Parishad Publishing House Delhi
PublisherJain Parishad Publishing House Delhi
Publication Year1951
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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