________________
ज्योतिपुरुष महावीर
लिए मुलभ बनाया। उन्होंने बिना किसी भेद भावना के धर्म को सर्वजनहिताय, सर्वजनसुखाय एवं सर्वजन समाचरणाय प्रस्तुत किया । अन्दर की धर्मज्योति के हेतु सब के लिए समान रूप से द्वार खुले हैं। मानवता के इतिहास में महाश्रमण महावीर की यह अपूर्व उपलब्धि है, जिसे हम अाज की भापा में एक नई विचार क्रान्ति कह सकते हैं। महावीर का सन्देश शाश्वत :
महावीर का दिव्य सन्देश किसी सम्प्रदाय या जाति विशेष के लिए न होकर समग्र मानव जाति के लिए है । उनका दिव्य बोध सामाजिक नहीं, शाश्वत है। यह सदा सर्वदा अम्लान रहने वाला ऐसा चिरयुवा सत्य है, जो देश और काल की क्षुद्र सीमाओं को लांघकर गनव जाति को जीवन के हर क्षेत्र में सुख-शान्ति तथा आनन्द की पावन धारा में प्राप्लावित करता रहा है, करता रहेगा। महावीर समग्र मानवता के लिए एक दिव्यातिदिव्य प्रकाश स्तम्भ हैं। उनके सिद्धान्तों तथा आदर्शों के निर्मल प्रकाश में हर किसी देश और काल का मानव आत्मबोध का प्रकाश पाता रहेगा, जीवन के..परम लक्ष्य की ओर सानन्द अग्रसर होता रहेगा।
जो देवाण वि देवो, जं देवा पंजली नभसंति । तं देव देवमहियं, सिरसा वंदे महावीरं ॥