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हमारे सहयोगी लेखक
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१३. डॉ० चैनसिंह बरला : राजस्थान विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्राध्यापक,
कृषि-अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से 'कृषि सहकारी
साख' विषय पर शोध कार्य, ६७६, आदर्श नगर, जयपुर-४ । १४. डॉ० छविनाथ त्रिपाठी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में रीडर, हिन्दी
संस्कृत के विद्वान् लेखक और समालोचक, जैन - दर्शन और साहित्य के मर्मज्ञ,
चम्पूकाव्य पर शोध कार्य, डी-४६, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) १५. डॉ० जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल : बलवंत राजपूत कालेज, आगरा में संस्कृत के
प्राध्यापक । प्रसिद्ध लेखक और समालोचक, जैन धर्म और दर्शन के विशेपज्ञ, ६/२४०
वेलनगंज, आगरा-४ । १६. श्री जयकुमार जलज : शासकीय महाविद्यालय रतलाम में हिन्दी-विभाग के अध्यक्ष, ____ कवि, लेखक और भापाविद्, सहयोग भवन, पावर हाउस रोड, रतलाम (म० प्र०) १७. श्री जवाहरलाल मूणोत : प्रसिद्ध फिल्म व्यवसायी, कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता और
विचारक, अमरावती (म० प्र०) १८. पं० दलसुख मालवरिया : जैन धर्म, दर्शन, और साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान, लालभाई,
दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदावाद के निदेशक । १६. श्री देवकुमार जैन : जैन धर्म और दर्शन के विद्वान्, लेखक, बीकानेर । २०. डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन : अपभ्रंश और हिन्दी साहित्य के विद्वान, लेखक और समीक्षक,
शासकीय स्नातकोतर महाविद्यालय, खंडवा (म० प्र०) में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष,
२१४ उपा नगर, इन्दौर-२ । २१. मुनि श्री नथमल : जैन मुनि, जैन धर्म और दर्शन के मर्मज्ञ विद्वान् और प्रवृद्ध
चिन्तक । २२. डा० नरपत्त चन्द सिंघवी : जोधपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक,
लेखक और सम्पादक, निराला के कथा-साहित्य पर शोध कार्य, १, मोतीलाल बिल्डिंग,
जोधपुर । २३. डा० नरेन्द्र भानावत : राजस्थान विश्वविद्यालय के हिन्दी. विभाग में प्राध्यापक,
आचार्य श्री विनयचन्द्र ज्ञान भण्डार शोध प्रतिष्ठान, जयपुर के मानद् निदेशक, तथा 'जिनवाणी' के मानद् सम्पादक । कवि, लेखक और समीक्षक, 'राजस्थानी वेलि
साहित्य' पर शोधकार्य । सी २३५-ए, तिलकनगर, जयपुर-४ । २४. डा० नरेन्द्रकुमार सिंघी : राजस्थान विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में प्राध्या
पक, प्रबुद्ध समाजशास्त्री और लेखक, अरविन्द सोसाइटी और सेवामन्दिर जयपुर के मंत्री, एल-२-ए, राजस्थान विश्वविद्यालय प्रांगण, जयपुर-४ । -