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लेखक-परिचय
१. श्री अगरचन्द नाहटा : हिन्दी व राजस्थानी के प्रसिद्ध गवेपक विद्वान व लेखक, जैन
धर्म, दर्शन और साहित्य के विशेषज्ञ, अभय जैन ग्रंथालय, बीकानेर । २. उपाध्याय अमर मुनि : जैन मुनि, प्रबुद्ध चिन्तक, कवि और लेखक, राजगृह में
वीरायतन योजना के प्रेरक । ३. डॉ० इन्दरराज बैद : कवि और लेखक, साहित्यानुशीलन समिति, मद्रास के मंत्री
१-वी, वडिवेलपुरम, मद्रास-३३ । ४. श्री उमेश मुनि 'अणु' : जैन मुनि, प्रबुद्ध चिन्तक और लेखक । ५. श्री कन्हैयालाल लोढ़ा : प्रबुद्ध चिन्तक, लेखक और स्वाध्यायी, अधिष्ठाता-श्री जैन
शिक्षणसंस्थान, रामललाजी का रास्ता, जयपुर-३ । ६. श्री कमल कुमार जैन : केन्द्रीय शिक्षा संस्थान, दिल्ली में प्राध्यापक । शिक्षा-मनो
विज्ञान के विशेषज्ञ, ६६५/१०६, गली नं०८, कैलाश नगर, दिल्ली-३१ । ७. डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल : जैन साहित्य के गवेषक विद्वान् और लेखक, 'राजस्थान
के जैन ग्रंथ भंडार' विपय पर शोध कार्य, श्री दि० जैन अ० क्षेत्र श्री महावीरजी, __ जयपुर के साहित्य-शोव विभाग के निदेशक, महावीर भवन, चौड़ा रास्ता, जयपुर-३ । ८. डॉ० कुन्दनलाल जैन : वरेली कालेज, बरेली में हिन्दी - विभाग के अध्यक्ष, कई
साहित्यिक व शैक्षणिक संस्थानों से सम्बद्ध, जैन भवन, ३५ जे, १३, रामपुरबाग, बरेली । ६. डॉ० (श्रीमती) कुसुमलता जैन : श्री कस्तूरवा कन्या महाविद्यालय, गुना (म० प्र०)
में संस्कृत-प्राध्यापिका, 'लीलावई' प्राकृत कथा-काव्य पर शोध-कार्य, चन्द्रा जैन
औषधालय, पोस्ट आफिस रोड, गुना । १०. श्री के. भुजवली शास्त्री : जैन धर्म, इतिहास और साहित्य के गवेपक विद्वान्,
ताड़पत्रीय ग्रंथों पर विशिष्ट शोधकार्य, मूडविद्री (कर्नाटक) ११. श्री गणपतिचन्द्र भंडारी : जोधपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग में प्राध्यापक, कवि
समालोचक और सम्पादक । कई सामाजिक व शैक्षणिक संस्थानों से सम्बद्ध, ४४०-बी,
तीसरी 'सी' सड़क, सरदारपुरा, जोधपुर १२. श्री चन्दनमल 'चांद' : कवि और लेखक, 'जैन जगत्' मासिक पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक,
भारत जैन महामण्डल, १५-ए हार्नीमन सर्किल, फोर्ट, बम्बई-१ ।