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अपश्चिम तीर्थकर महावीर, भाग-द्वितीय : 285 17 उपासकदशाग, श्री आत्मारामजी म.सा., वही, पृ. 571 18 क जिणधम्मो, वही, पृ. 650-62।
ख उपासकदशाग, अभयदेववृत्ति, पत्राक 33-34। 19 क उपासकदशाग, अभयदेववृत्ति, पत्राक 35-421 ख प्रवचनसारोद्धार, संस्कृत व्याख्या, श्री नेमिचंद जी, प्रथम भाग, देवचदलाल
भाई जैन पुस्तकोद्धार, पत्रांक-76-761 20 उपासकदशाग, आ श्री आत्माराम जी म सा , पृ 68-87, दृष्टव्य-धर्म और
धर्मनायक, आ श्री जवाहर,तृस वि सं 2041, 176-781 21 उपासकदशाग, अभयदेववृत्ति, पत्रांक 63-641 22 उपासकदशांग, आ श्री आत्मारामजी, पृ. 87-103। 23. श्रमण भगवान् महावीर, कल्याण विजयजी, पृ851 24 क त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ 231-321
ख जैना कथाएँ, भाग 38, पृ. 83-851 25 धन्नाशालिभद्र चौपाई, रमणलाल शाह, प्रका. रमणलाल शाह, बम्बई, प्र.सं.
1983, पृ. 152-541 26. क. त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ. 234-351
ख. जैन कथाएँ, भाग-38, उपा. पुष्कर मुनि, वही, पृ. 96। 27. धन्ना शालिभद्र चौपाई, वही, पृ 154-551 28. जैन कथाएँ भाग-1, उपाध्याय पुष्कर मुनिजी, प्रका तारक गुरु जैन ग्रन्थालय,
उदयपुर, द्विस सन् 1990, पृ 1-701 क शालिभद्रचारित्र, आ श्री जवाहर, प्रका जवाहर समिति, भीनासर, च सं
2036, पृ. 63-1031 ख त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ 218। 30 क जैन कथाएँ, भाग-1, वही, पृ. 74। ख धन्य शालिभद्र महाकाव्यम्, पूर्णभद्रगणि विरचिता प्रका श्री जिनदत्त सूरि
प्राचीन पुस्तकोद्धार, सूरत, वि स 1991, तृतीय सर्ग। 31 शालिभ्रद चारित्र, आ श्री जवाहर, वही, पृ 120-291 32. क त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ. 235-401
ख जैन कथाएँ, भाग 41, पृ 142-521
ग. धम्मपद, अट्ठकथा। 33. त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ 2401 34. क त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ 2411
ख जैन कथाएँ, भाग-38, पृ 99-1221