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अपश्चिम तीर्थकर महावीर, भाग-द्वितीय : 283 सन् 1978, प्रथम विभाग, प्रथम अध्ययन। ग दशवैकालिक चूर्णि, जिनदास, सन, 19331 घ. आचारांग चूर्णि, जिनदास, श्री ऋषभदेवजी केशरीमल जी जैन श्वेताम्बर
संस्था, रतलाम, सन् 1941, प्रथम उद्देशक पृ. 165-2051 श्री पिण्डनियुक्ति, भाष्यकार-भद्रबाहु, मलयगिरिवृत्ति, देवचंदलाल भाई,
सन् 1918, पत्रांक 32-401 च ओघ नियुक्ति, श्रीभद्रबाहु स्वामी, देवचन्दलालभाई, सन् 1974, पत्रांक
262-701 छ. जीतकल्प सूत्र, जिनभद्रगणि, प्रका गिरधरलाल पारख, अहमदाबाद, वि.
सं. 1994, गाथा 351 9. भगवती सूत्र, द्वितीय विभाग, अभयदेवसूरि, पत्रांक 4751 10. क. त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ. 164-651
ख महावीरचारित्र, आ. गुणचन्द्र, अष्टम प्रस्ताव, वही, पृ. 3911 11. भगवती सूत्र, अभयदेववृत्ति, द्वितीय विभाग, पत्राक 461,9,331 12. क. त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही, पृ. 1641
ख. महावीर चारित्र, आ. गुणचन्द्र, वही, पृ. 3841 13. त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, पृ. 164) 14. महावीरचारित्र, आ. गुणचन्द्र, पृ. 391।