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282 : अपश्चिम तीर्थंकर महावीर, भाग-द्वितीय
संदर्भ
1
क. आचारांग, द्वितीयश्रुत स्कन्ध, आ. शीलांका, अध्ययन 151 ख. कल्पसूत्र, देवेन्द्रमुनिजी, सूत्र - 7, पृ. 431
ग आवश्यकचूर्णि, पूर्वार्द्ध, पत्राक 2361
अनुत्तरज्ञानचर्या का द्वितीय वर्ष
2. भगवतीसूत्र, द्वितीयो विभाग, अभयदेवसूरि, पत्रांक 4561
3. क. व्याख्याप्रज्ञप्ति, अभयदेव सूरि, प्रका. हीरालाल हसराज जैन भास्करोदय प्रेस, जामनगर पत्रांक 243, शतक 2 उद्देशक 51
ख. श्री भगवती सूत्र, द्वितीय विभाग, अभयदेववृत्ति, प्रका. आगमोदय समिति, बम्बई, सन् 1919, 9, 33, पत्राक 4571
श्रीराम उवाच, आ. श्री रामलाल जी म.सा., प्रका. श्री अ. भा. जैन संघ, बीकानेर, भाग-7, प्र. सं. 2006, पृ. 1171
ग.
4. भगवती सूत्र, द्वितीय विभाग, अभयेदवसूरि, वही पत्राक 4601
5. क. भगवतीसूत्र, द्वितीय विभाग, अभयदेवसूरि, वही, पत्रांक 460-611 ख. महावीर - चरित्र, आ. गुणचंद, अष्टम प्रस्ताव, वही, पृ. 380-821 ग. त्रिषस्टिरलाकापुरूराचारित्र, वही, पृ 163-641
क. स्थानांग, अभयदेवसूरि, उत्तरार्द्ध, श्री आगमोदय समिति, सन् 1918, पत्रांक
4101
ख. उत्तराध्ययन, शान्त्याचार्य, वही, पत्रांक 531
ग. उत्तराध्ययन, नेमिचंदवृत्ति, पृ. 69 1
घ. इदैव भरतक्षेत्रे कुण्डलपुरं नाम नगरम् । तत्र भगवत· श्री महावीरस्य भागिनेयो जमालिनाम राजपुत्र आसीत् ।
विशेषावश्यकभाष्य, पत्र 9351
ड. कुण्डपुर नगरं, तत्थ जमालि सामिस्स भाइणिज्जो । आवश्यक हारिभद्रीय, पत्राक 3121
7. क. तस्य भार्या श्री म महावीरस्य दुहिता ।
8. क
क
ख
साधुमार्गी
विशेषावश्यकभाष्य. सटीक, पृ. 9351
ख. तस्य भज्या साहिमणो धूओ ।
उत्तराध्ययन, नेमिचंद 691
भगवती सूत्र, अभयदेववृत्ति, वही, पत्रांक 4711
श्री आचाराग सूत्रम, शीलाकाचार्य, हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थ माला, गुजरात,