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________________ अपश्चिम तीर्थकर महावीर, भाग-द्वितीय . 237 तब शालिभद्र अपनी माँ के वचनो को स्वीकार कर प्रतिदिन एक-एक स्त्री और एक-एक शय्या का त्याग करने लगा। इधर शालिभद्र एक-एक पत्नी का त्याग कर रहा है और उधर उसका बहनोई धन्ना, वह आठ पत्नियो के साथ भोग भोग रहा है। वह तीसरा विवाह शालिभद्र की बहन सुभद्रा से कर चुका था।16 चतुर्थ विवाह कौशाम्बी नरेश शतानीक की पुत्री चेटक की दोहित्री सौभाग्यमजरी से किया क्योकि जब धन्ना राजगृह का मत्री पद सम्हाल रहा था तभी उसके भाई और माता-पिता घूमते-घूमते वहाँ पहुँच गये। वहाँ भी भाइयो की ईर्ष्या के कारण वह गृह त्याग कर कौशाम्बी पहुंच गया। चितामणि के प्रभाव से वहाँ भी उसने अपना महल बना लिया और वहाँ रहने लगा। उस समय कौशाम्बी नरेश शतानीक के पास ‘सहस्रकिरण' नामक अमूल्य रत्न था। पीढियो से नरेश उसकी पूजा करता था लेकिन उसका मूल्य, गुणधर्म पता नहीं था। उसकी जानकारी के लिए राजा ने अनेक पारखी जौहरियो को बुलाया, लेकिन वे उस रत्न का मूल्याकन नहीं कर सके। तब शतानीक ने घोषणा की कि जो कोई रत्न-पारखी इस रत्न की परीक्षा मे उत्तीर्ण होगा उसे मैं पाँच सौ गॉव, पाँच-पाँच सो हाथी, घोडे और रथ दूंगा। साथ ही अपनी पुत्री सौभाग्यमजरी भी। धन्ना ने जब यह घोषणा सुनी तो वह राजदरबार मे पहुँचा और बोला-मै रत्न-परीक्षा करूँगा। शतानीक भौचक्के होकर धन्ना को देखने लगे और कहा-तुम रत्न-परीक्षा धन्ना-हॉ राजन् । शतानीक- क्या तुम रत्नो के बारे मे जानते हो? धन्ना-हॉ राजन् ! हीरक, नीलम, मोती, माणक और मरकत-ये पॉच मुख्य रत्न है। पुखराज, वैडूर्य, विट्ठम ओर गोमेद-ये चार उपरत्न है। इन नो रत्नो के आश्रित नौ ग्रह रहते है। पद्मराग-रवि, मोती-सोम, विद्रुम-मगल मरकत-बुध पुखराज-गुरु, हीरा-भृगु, इन्द्रनील-शनि तथा गोमेद व वेडूर्य-राहु केतु से सम्बद्ध ह। स्फटिक रत्न के चार भेद ह-सूर्यकान्त, शशिकान्त, कान्तजल और हसगर्भ । इस प्रकार रत्नशास्त्र में रत्नो के साठ भेदोपभेदो का वर्णन है। शतानीक-क्या चिन्तामणि के विषय में जानते हो? धन्ना-चिन्तामणि रत्न तीन रेखाओ वाला सवा छटॉक वजन या दिव्य सन मनवाछित वस्तु देने वाला है।
SR No.010153
Book TitleApaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
PublisherAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
Publication Year2008
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size11 MB
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