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________________ अपश्चिम तीर्थंकर महावीर, भाग-द्वितीय : 225 करता है कि उस समय शतानीक की मृत्यु हो चुकी थी । सम्पूर्ण नाटक मे शतानीक का कोई कार्य-कलाप सम्बन्धी उल्लेख नही है तथा उदयन को कौशाम्बी का राजा भी बतलाया है। इससे ध्वनित है कि शतानीक की मृत्यु के पश्चात् ही उदयन का हरण हुआ है। यहा भी अगारवती की पुत्री वासवदत्ता बतलाई है तथा योगन्धरायण का वत्सराज के प्रति प्रेम यहा भी दृष्टिगत होता है। इस प्रकार शतानीक की मृत्यु के पश्चात् ही उदयन के हरण का समय मान सकते है। इतिहासज्ञ इस विषय मे और खोज कर अनुगृहीत कर सकते हैं । तत्व तु केवलिगम्यम् XXXIII दृष्टिविष जैन कथाएँ भाग 38 मे उपाध्याय पुष्करमुनिजी ने लिखा है कि जब लड्डु के विषय मे अभय कुमार से पूछा तब अभय कुमार ने लड्डुओ को सूघा और सूघकर बतलाया कि लड्डु मे तो विष मिला हुआ है इनको आप पानी मे मिलाकर देखो पता चल जायेगा उसी समय उन लड्डुओं को पानी मे डाला तो पानी नीला हो गया । इस प्रकार अभय कुमार ने लोहजघ के प्राण बचाये | जैन कथाएँ - 38, पृ 96 XXXIV उदयन प्रतिज्ञा यौगन्धरायण मे उदयन के लिए लिखा है कि वह सप्ततत्री वीणा बजाने वाला था। उसकी घोषवती वीणा को सुनकर मत्त हाथी भी वश मे हो जाते थे, कौशाम्बी उसकी राजधानी थी । मत्री - श्रेष्ठ यौगन्धरायण अपनी पैनी प्रज्ञा के लिए प्रसिद्ध था । इनके अनुसार भी नकली हाथी बनवाकर प्रद्योतन ने उदयन का हरण किया तथा अगारवती से उत्पन्न वासवदत्ता को शिक्षा के लिए उदयन के पास भेजा, अनलगिरि हाथी को उदयन ने वश मे किया। भद्रवती हथिनी पर बैठकर वासवदत्ता को ले भागा । यौगन्धरायण की वीरता का भी परिचय मिलता है। ई पू चतुर्थ शताब्दी महाकवि -भास, विष्णुप्रभाकर (सम्पा) सस्ता साहित्य मंडल, प्रकाशन सन् 1961 इसमे शतानीक का वर्णन नहीं है। ऐसा लगता है कि उस समय शतानीक की मृत्यु हो चुकी थी । XXXV शिवादेवी जेन कथामाला भाग 38 पृ 98-99 पर लिखा है कि जब अग्नि बुझाने के लिए प्रधोतन ने अभय कुमार से पूछा तव अभय कुमार ने बतलाया कि शिवा देवी यदि भीषण अग्नि पर जल के छींटे मारे तो अग्नि तुरन्त बुझ जायेगी । शिवा देवी ने वेसा ही किया अग्नि वुझ गयी ।
SR No.010153
Book TitleApaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
PublisherAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
Publication Year2008
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size11 MB
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