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________________ अपश्चिम तीर्थकर महावीर, भाग-द्वितीय : 145 है। (तत्वतुकेवलिगम्यम्) XLVIआठ प्रसाद मेघ कुमार के माता-पिता ने कन्या अन्त पुर मे आठ लडकियाँ मेघ कुमार के समान उम्र वाली रखी थी इसलिए आठ प्रासाद बनवाये। XLVII स्त्रियों की चौसठ कला 1 नृत्य 2 औचित्य 3 चित्र 4 वादित्र 5 मत्र 6 तंत्र 7 ज्ञान 8 विज्ञान 9 दम्भ 10 जल स्तम्भ 11 गीत मान 12 ताल मान 13 मेघवृष्टि 14 जलवृष्टि 15 आराम-रोपण 16 आकार-गोपन 17 धर्म-विचार 18 शकुन-विचार 19 क्रिया कल्प 20 सस्कृत-जल्प 21 प्रासाद-नीति 22 धर्मरीति 23 वर्णिका वृद्धि 24 स्वर्ण सिद्धि 25 सुरभि तैलकरण 26 लीला-सचरण 27 हय-गज परीक्षण 28 पुरूष-स्त्री लक्षण 29 हेमरत्न 30 अष्टादश लिपि परिच्छेद 31 तत्काल बुद्धि ___32 वास्तु सिद्धि 34 वैद्यक क्रिया 33 काम विक्रिया 35 कुम्भ-भ्रम 36 सारिश्रम 37 अजन योग 38 चूर्ण योग 39 हस्त-लाधव 40 वचन पाटव 41 भोज्य विधि 42 वाणिज्य-विधि 43 मुख-मण्डन 44 शालि-खण्डन 45 कथा कथन 46 पुष्प ग्रथन 47 वक्रोक्ति 48 काव्यशक्ति 49. स्फार विधिवेश 50 सर्वभाषा विशेष 51 अभिधान ज्ञान 52 भूषण परिधान 53 भृत्योपचार 54 गृहोपचार 55 व्याकरण 56 पर-निराकरण 57 रधन 58 केश-बंधन 59 वीणा-नाद 60 वितण्डावाद 61 अंक विचार 62 लोक-व्यवहार 63 अन्त्याक्षरिका 64 प्रश्न प्रहेलिका XLVIm अन्त.पुर यहाँ अन्त पुर का तात्पर्य रनिवास से है।
SR No.010153
Book TitleApaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
PublisherAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
Publication Year2008
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size11 MB
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