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________________ मत्वान-निकल / 258 पंचम प्रस्ताव - कुण्डलपुर में बड़े बाबा के मन्दिर निर्माण में युवा शक्ति का तन-मन-धन से सहयोग करना। बह प्रस्ताव - विभिन्न सामाजिक संगठनों को आपस में समन्वित कर अखिल भारतीय स्तर पर जैन युवा महासंघ की रचना करना। सप्तम प्रस्ताव - जैन समुदाय को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक समुदाय घोषित किया जावे। मुख्य सम्मेलन के पहले उद्घाटन सत्र में प्रात: सदस्यों के पंजीयन के बाद मुनि श्री की एक प्रवचन सभा हुई जिसमें श्री अजित जैन गोटेगाँव, डॉ0 इन्द्रजीत जैन टीकमगढ़, श्री दिनेश जैन खुरई, ब्रह्मचारी अन्नू भैया, नितिन भैया ने अपने विचार व्यक्त किए। तदुपरान्त मुनि श्री प्रमाणसागर जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से सभी के दिल और दिमाग को झकझोर दिया। प्रेरणा पथ संचलन - आये हुए युवाओं द्वारा प्रेरणा पथ संचलन के रूप मे पूरे नगर का भ्रमण किया गया। जिसमें टीकमगढ़ अहिंसा दिव्य घोष की मोहक धुनों के साथ अशोकनगर, मालथौन, बडनगर, साढौरा आदि स्थानों के दिव्यघोष सब तरफ्देवदुन्दुभि से बजते दिखाई पड़ते थे। प्रेरणा पथ संचलन को कार्यक्रम के बिशिष्ट अतिथि श्री हृदयमोहन जैन विदिशा, श्री सुभाष जैन दिल्ली ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। सम्मेलन में जबलपुर, कटनी, पनागर, गोटेगांव, शहपुरा, भिटौनी, अशोकनगर, टीकमगढ़, ललितपुर, मालथौन, हजारीबाग, दिल्ली, बडौत, देवेन्द्रनगर, मैहर, अमरपाटन, सिंहपुर, रीवा, बड़नगर, खुरई, बीना, भोपाल, ओबेदुल्लागंज, गैरतगंज, विदिशा, दमोह, सागर आदि स्थानों से पधारे युवाओं ने हिस्सा लिया। मुनिश्री के सानिध्य में आयोजित इस युवा सम्मेलन ने इतिहास रच डाला। अवनीश जैन सयोजक - जैन युवा सम्मेलन, (मे. आस्था इन्टरप्राइजेज, सतना)
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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