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सम्पादक शीतल जैन को भी स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कवि चन्द्रसेन मे अपनी कविताओं के माध्यम से जनसमूह को मन्त्रमुग्ध कर दिया। शैलेश जैन ने मुनिश्री से आग्रह किया कि वे अगला चातुर्मास जबलपुर में करें और वहाँ पर बृहद् स्तर पर युवा सम्मेलन आयोजित कराया जा सके।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री जीवन दादा पाटिल (कार्यपालन यन्त्री) समाजसेवी ने अपने उद्बोधन में कहा कि - 'युवा समाज की नहीं वरन राष्ट्र की शक्ति के रूप में होते हैं। यदि युवा अपने साथ-साथ समाज व देश प्रगति के रास्ते पर ले जाना चाहता है तो उसे गुरु और अपनी संस्कृति के प्रति पूर्णरूपेण निष्ठावान् होना पड़ेगा ।' समाज ने दादा पाटिल को तिलक लगाकर व मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। सम्मेलन में दूरसंचार के निर्देशक पवन जैन ने कहा - 'युवा वही है जो वर्तमान को बदलने की आकांक्षा रखता है, उसका उम्र से कोई सम्बन्ध नहीं होता है।' सीखने की प्रक्रिया को युवा की परिभाषा बताते हुए श्री जैन ने कहा कि 'विस्मय व उत्सुकता रहित मानव युवा की श्रेणी में नहीं आता ।' दूरसंचार भोपाल के निर्देशक एम. के. जैन ने युवाओं को समाज की जड़ बताते हुए कहा हैं कि 'वह जितना मजबूत और सुसंस्कारित होगा समाज उतना ही ऊपर उठेगा।' भोपाल से आए आई. ए. एस. श्रेणी के अधिकारी श्री सुभाष जैन ने 'समाज के निर्माण' में युवाओं की भूमिका के बारे सारगर्भित बाते कहीं । श्री जैन युबा उसे मानते हैं 'जिसकी मानसिकता जीवन की अन्तिम क्षण तक जीवित रहती है। आपने मुनिश्री से आग्रह किया कि आपके सान्निध्य में जहाँ भी चातुर्मास हो वहाँ एक दिन युवाओं का सम्मलेन अवश्य हो ।' इसके अलावा श्री हृदयमोहन जैन विदिशा, श्रीमती रंजना जैन बिलासपुर, श्री चक्रेश जैन फिरोजाबाद एवं ब्रह्मचारी जिनेश भैया ने अपने सारगर्भित वक्तव्य दिए। जैन समाज के कोषाध्यक्ष संदीप जैन ने आगन्तुकों का स्वागत किया । संचालन जबलपुर से आये अमित पडरिया ने किया।
प्रस्तावों का वाचन - विभिन्न क्षेत्रों से आए युवाओं ने प्रस्ताव रखे जिसे जनसमुदाय ने मुनिश्री के सान्निध्य हाथ उठाकर अनुमोदित किया।
प्रथम प्रस्ताव - तीर्थराज सम्मेदशिखर जी की रक्षा एवं विकास हेतु एक संगठन का निर्माण एवं समस्त सामाजिक संगठनों के सदस्यों का वर्ष में कम से कम तीन दिन की उपस्थिति का प्रस्ताव ।
द्वितीय प्रस्ताव - श्री गिरनार सिद्धक्षेत्र पर कतिपय असामाजिक तत्त्वों के बलात् आक्रमण / अतिक्रमण किये जाने के विरुद्ध गुजरात सरकार से दोषियों को दण्डित करने की अपील एवं बिना किसी बाधा के अपनी नियमित पूजा अर्चना के अधिकार हेतु प्रस्ताव ।
तृतीय प्रस्ताव जैन युवा सम्मेलन एवं युवा रत्न अलंकरण का प्रति वर्ष आयोजन किया जाये ।
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चतुर्थ प्रस्ताव राष्ट्रीय स्तर पर व्यसन मुक्ति अभियान को दृढ निष्ठा के साथ संचालित करना एवं इसे
अपने-अपने संगठनों के प्रमुख उद्देश्यों में समाहित करना।
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