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________________ पियंगु प्रियगु प्रियंगु प्रियगु प्रत्येक जैन तीर्थकर को विशुद्ध शान (केवलज्ञान) की प्राप्ति किसी विशेष वृक्ष की छाया में प्राप्त हुई। जैन साहित्य में इन वृक्षों को तीर्थकर वृक्ष या केवली वृक्ष कहते हैं। भगवान् आदिनाथ से लेकर महावीर पर्यन्त ये सभी वृक्ष पर्यावरण संरक्षण के जनक एवं संपोषक हैं। यह मान्यता है कि केवली वृक्ष में सम्बन्धित तीर्थकर का आंशिक प्रभाव विद्यमान रहता है। केवलवृक्ष की सेवा, दर्शन और अर्चना से सम्बन्धित तीर्थकर की कृपा प्राप्त होती है। केवली वृक्ष के रोपण से सम्बन्धित स्थल की आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है । 24 तीर्यकरों के वृक्ष निम्नांकित हैं - क.तीर्थकर का नाम केवलज्ञानवृक्ष संस्कृत में हिन्दी में विज्ञान में 1. ऋषभनाथ न्यग्रोध वटवृक्ष वटवृक्ष फाइकस बन्गालेसिस 2. अजितनाथ सप्तपर्ण चितवनसप्तपर्णी सप्तपर्ण एलस्टोनिया स्कोलेरिस 3. संभवनाथ शाल साल, साखू शोरिया रोबस्टा 4. अभिनन्दननाथ सरल असन चीड़ पाइनस राक्सबर्षा 5. सुमतिनाथ केलीका मेक्रोफिला 6. पद्मनाथ प्रियगु पियगु केलीकार्पा मेक्रोफिला 7. सुपार्श्वनाथ शिरीष शिरीष सिरसा अलबिजिया लीबेक 8. चन्द्रप्रभ नागवृक्ष नाग नागकेसर मेसुआ फेरिया 9. पुष्पदन्त अक्ष बहेडा बहेड़ा टरमिनेलिया बलेरिका 10.शीतलनाथ धूलिपलाश ढाक, पलाश ब्यूटिया कंडोसा 11.श्रेयान्सनाथ डायोस्पाइरस इंब्रायोप्टेरिस 12.वासुपूज्य पाटल कदम्ब कदम्ब एन्थोसिफेलस कदम्बा 13.विमलनाथ जामुन यूजीनिया जेम्बोलना 14.अनन्तनाथ पीपल पीपल फाइकस रैलीजियोसा 15. धर्मनाथ दक्षिपर्ण दधिपर्ण फेरोनिया एलीफैण्टम 16. शान्तिनाथ नन्दी नन्दी सिड्रेला तूना 17. कुन्युनाथ तिलक तिलक वेन्डलेन्डिया एक्सर्टा 18. अरहनाथ आम्र आम्र आम मैन्जीफेरा इण्डिका 19. मल्लिनाथ कंकेलि/अशोक अशोक अशोक सराका इण्डिका 20. मुनिसुव्रतनाथ चम्पक चम्पा चम्पा भइकेलिया चम्पाका 21. ममिनाथ बकुल मौलश्री माईनुस्पोस एलेन्जी 22. नेमीनाथ नेत्रभंग वंश गुड़मार जिम्नेमा सिल्वेस्टर . 23. पाश्र्वनाथ सीड्सदेवदारा 24. महावीर साल शोरिया रोबस्टा , बेल तेंद तेंदू जम्बू जम्बू पीपल ३ ४ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ४ ३ ३ ३ ३ ३ ३ तिलक बकुल देवदार देवदार साल
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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