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4. कार्बन(C)
5. (हाइड्रोजन (H)
6. सिलिकन (Si)
7. कार्बन (C)
8. हाइड्रोजन (H)
स्निग्धगुणयुक्त धातु
1. सोडियम (2Na)
2. तांबा ( Cu )
3. चाँदी (2Ag)
4. सोडियम (2Na)
5. कैल्शियम (2Ca)
6. मरकरी (Hg)
7. सोडियम (3Na)
8. कैल्शियम (Ca)
परमाणु 1. नाइट्रोजन (N)
क्लोरीन (Cl)
+ हाइड्रोजन (2H2)
+
सल्फर (S)
2. फास्फोरस (P) हाइड्रोजन (H)
+
+
+
१. तस्वार्थ सूत्र (5/35 )
+ रूक्षगुणयुक्त धातु
क्लोरीन (Cl2)
+
सल्फर (S)
क्लोरीन (C12)
सल्फर (S)
परिणाम
नमक (2NaCl)
क्युप्रिक सल्फाइड (CuS )
सिल्वर क्लोराइड (2AgC1)
सोडियम सल्फाइड (NajS)
कैल्शियम ऑक्साइड (2CaO)
मरक्यूरिक आयोडाइड (Hgl2) सोडियम फोस्फाइड (NA,P) कैल्शियम क्लोराइड (CaC12)
+
→
गर्म करने पर
+
→
क्लोरीन (Cl2) अगले तीन सूत्रों के माध्यम से आचार्य उमास्वामी द्वारा उन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया प्रतीत होता है जो भेद संघात प्रक्रिया द्वारा स्कंधोत्पत्ति के लिये आवश्यक हैं। यह सूत्र एवं इनकी विवेचना निम्नानुसार है ।
"गुणसाम्ये सदृशानाम्' ""
+
+
ऑक्सीजन (O2)
ऑक्सीजन (O2)
क्लोरीन (CL)
+
+
+
1100°C
ऑक्सीजन (O2) आयोडीन (I)
फास्फोरस (P)
2.1
2.J
200-400°C
ज्वलन पर -
ज्वलन पर >
सूर्य का प्रकाश
अर्थात् गुण साम्य रहने पर सदृशों का बंध नहीं होता। इस बात को इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि जिन परमाणु ओं में स्निग्ध एवं रूक्ष गुणों की संख्या समान होती हैं, उनका परस्पर बंध नहीं होता। आधुनिक विज्ञान भी इस कथन से पूर्ण रूप से सहमत है कि ऐसे परमाणु जिनकी वैद्युत ऋणात्मकता समान होती है, परस्पर वैद्युत संयोजी (भेद संघात प्रक्रिया द्वारा) बंध द्वारा स्कंध निर्माण नहीं करते ।
वैद्युतचनात्मकता वैद्युतसंयोजी बंध द्वारा स्कंधोत्पत्ति
3.0
3.0
गर्म करने पर
गर्म करने पर
मेथेन (CHI
हाइड्रोजन सल्फाइड (HS) रेत (SiO2)
कार्बनडाइऑक्साइड (CO2)
हायड्रोजन क्लोराइड (2HCI)
360°C
ज्वलन पर
रगड़ने पर
360°C