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1. खाद्य व कृषि उद्योग : आइसोम्लूकोन, ग्लूकोन ।
2. ऊर्जा इनार निर्माण में ।
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स. जीन अभियांत्रिकी (Genetic Engineering)
1. खाद्य एवं कृषि उद्योग : एकल कोशिका प्रोटीन्स
2. स्वास्थ्य : इन्टरफेरोन, हार्मोन्स, वेक्सीन, मोनोक्लोनल एण्टीबॉडी के निर्माण में ।
चैव प्रौद्योगिकी एक अनुप्रायोगिक विज्ञान
वास्तव में बायोटेक्नालॉजी विज्ञान की कई शाखाओं का सम्मिश्रण है। किसी एक शाखा के सहारे इसे समुचित रूप से नहीं समझा जा सकता है। कुछ प्रमुख शाखायें निम्न हैं
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सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology) : सूक्ष्मतम जीवों तक की शरीर संरचना एवं जीवन यापन ।
आनुवंशिकी (Genetics) : जीवों का आनुवंशिक अध्ययन आदि ।
ऊतक संवर्धन (Tissu Culture)
रोधक्षमता विज्ञान (Immunology) जैव रसायन विज्ञान (Biochemistry) कोशिका जैविकी (Cell Biology) रसायन विज्ञान (Chemistry)
जन्तु विज्ञान (Zoology )
वनस्पति विज्ञान (Botany)
शरीरक्रिया विज्ञान (Physiolay)
कम्प्यूटर विज्ञान (Computer Science)
प्रौद्योगिकी के वितरण -
किसी सूक्ष्म जीव जन्तु अथवा पौधों की कोशिका की सहायता से बायोटेक्नालॉजी निम्न चरणों में सम्पन्न की जाती है :
1. विभेद चयन एवं सुधार (Strain choice and improvement): जिस किसी भी सूक्ष्म जीव-जन्तु अथवा पौधे को बहुतायत में प्राप्त करना होता है तो सर्वप्रथम उसी की कोशिका को प्राप्त किया जाता है।
2. बृहदसंवर्धन (Mass Culture) : उक्त प्रकार से प्राप्त कोशिका को विभिन्न विधियों से संवर्धित किया जाता है । इस उद्देश्य के लिये ऊतक संवर्धन, कोशिका जैविकी, अभियांत्रिकी आदि की जानकारी आवश्यक है ।