________________
मदरास व मैसूर प्रान्त। [२६५ आ० वासवचन्द्र-चालुक्योंकी राज्यघानीमें बाल सरस्वती प्रसिद्ध थे।
(२) लेख मं० १२७ (४७) ता० १११५-चामुण्डराम वस्ती स्तंभपर, इसमें नीचे प्रकार वर्णन है
पहले गौतम गणधरके अन्वयमें
श्री पद्मनंदि या कुन्दकुन्दजी हुए, नंदिगण हुआ।
उमास्वाति या गृद्धपिच्छ
बलाकपिच्छ
गुण नदी-इनके ३०० शिप्य थे, उनमें ७२ प्रसिद्ध थे
उनमें मुख्य थेदेवेन्द्र मिडांतिक
कलधौमानंदो-इनके पुत्र महेन्द्रकीर्ति फिर वीरनंदि हुए । इसी वंशमें हुएगोल्लाचार्य
त्रैकाल्ययोगी
अभयनंदी
सकलचन्द्र
मेघचंद्र त्रैवेद्य-समाधिमरण सन १११५में
प्रमाचद्र