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________________ (55) प्र० ८८ बकरे के दुःखो का वर्णन वयो किया ? प्र० ८ - नरकगति के दुःखों का वर्णन क्यों किया ? प्र० ६० - मनुष्यगति के दुःखो का वर्णन क्यों किया ? प्र० ६१ - देवगति के दुःखो का वर्णन क्यों किया ? प्र० २ - पहली ढाल के अनुसार मिथ्यादर्शन किसे कहते है ? प्र० ६३ - पहली ढाल के अनुसार मिथ्याज्ञान किसे कहते हैं ? प्र० ε४- पहली ढाल के अनुसार मिथ्याचारित्र किसे कहते है ? प्र० ५ - क्या मात्र मोहरूपी शराब ही दुःख का कारण है ? प्र० e६ - चिद् विलास में दुःख का कारण किसे बताया है? प्र० ७ - मोक्षमार्ग प्रकाशक मे दुःख का कारण किसे बताया है? प्र० ८ - समयसार के बन्ध अधिकार मे दुःख का कारण किसे बताया है ? प्र० हε- क्या करे तो मोक्ष मार्ग प्रगटे ? प्र० १०० - सांप आदि समझने के लिये चार बातें कौन- २ सी निकालनी चाहिये ? दूसरी ढाल को प्रश्नावली प्र० १ - संसार परिभ्रमण का कारण कौन है ? प्र० २ - अगृहीत मिथ्यादर्शन किसे कहते है ? प्र० ३ - अगृहीत मिथ्याज्ञान किसे कहते है प्र० ४ - अगृहीत मिथ्याचारित्र किसे कहते है ? प्र० ५ - गृहीत मिथ्यादर्शन किसे कहते है ? ?
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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