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उत्तर - अपने जैन धर्म मे ऋषभ देव से महावीर तक २४ तीर्थंकर, भरत, बाहुवली राम, बुद्ध कुन्द आदि अनेक महापुरुष हुए।
प्र० १६१ - जैन धर्म क्या देता है ?
उत्तर - जैन धर्म आत्म ज्ञान रत्नत्रय और मोक्ष का सुख देता है । प्र० १६२ - धर्म का मूल क्या है ?
उत्तर-धर्म का मूल सम्यक्त्व है ।
प्र० १६३ - तुम्हारा प्यारा धर्म कौनसा है ? उत्तर - हमारा प्यारा धर्म जैन धर्म है ।
प्र० १६४ - जैन धर्म का गीत सुनाओ ?
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धर्म मेरा रे ॥
धर्म मेरा रे । धर्म मेरा रे ॥ धर्म मेरा रे । धर्म मेरा रे ॥
उत्तर- धर्म मेरा धर्म मेरा धर्म मेरा रे प्यारा प्यारा लागे जैन ऋषभ हुए वीर हुए बलवान बाहुवली से वे भरत हुए राम हुए कुन्द कुन्द जैसे सत सती चदना अंजना हुई धर्म मेरा रे । हुई ब्राह्मी राजुल माता धर्म मेरा रे ॥ सिंह सेवे बाघ सेवे धर्म मेरा रे । हाथी बानर सर्प सेवे धर्म मेरा रे ॥ आतमा का ज्ञान देता धर्म मेरा रे । रत्नत्रय का दान देता धर्म मेरा रे || सम्यक्त्व जिसका मूल वह धर्म मेरा रे । सुख देता मोक्ष देता धर्म मेरा रे ॥ धर्म मेरा धर्म मेरा धर्म मेरा रे । प्यारा प्यारा लागे जैन धर्म मेरा रे ॥