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( 24 ) उत्तर-(१) मै जैन धर्म का बच्चा हूँ।
(२) मै अहिसक जीवन जीता है। (३) मै दुख न किसी को देता हूँ।
मै अभक्ष कभी नही खाता हूँ।
मै मन्दिर प्रतिदिन जाता हूँ। (६) मै प्रभु का दर्शन करता हूँ।
मै साधर्मी से प्रेम करूं। ) मै धर्म का अभ्यास करूं। (९) मै आतम साधक वीर बनू ।
(१०) महावीर प्रभु सा सिद्ध बनू । प्र० १८४-चार गति कौन सी है ? उत्तर-(१) मनुष्य गति (२) नरक गति
(३) देव गति (४) तिर्यच गति प्र० १८५ -चार गति के सिवाय पाँचवी गति कौन सी है ? उत्तर-पचम गति अर्थात् मोक्ष गति । प्र. १८६-कौनसी गति से मोक्ष पा सकते है ? उत्तर-मनुष्य गति से मोक्ष पा सकते है। प्र० १८७-चार गति मे मनुष्य गति उत्तम क्यो ?
उत्तर-चार गति मे मनुष्य गति इसलिए उत्तम मानी गई है कि इससे जीव अपने सभी गुण प्रगट करके भगवान बन सकता है, और मोक्ष भी पा सकता है।
प्र० १८८-मनुष्य होकर क्या करने से मोक्ष होता है ? उत्तर--मनुष्य होकर आत्म ज्ञान करने से जरूर मोक्ष होता है।
प्र० १८६ मोक्ष सुख पाने के लिए क्या करना चाहिए ? TFEठत्तर-मोक्ष सुख पाने के लिए आत्म ज्ञान करना चाहिए।
प्र० १६०-अपने जैन धर्म मे कौन से महापुरुष हुए ?