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________________ १०० बन्चतत्व सम्बन्धी जीव वी भूल रूप अगृहीत-गृहीत मिथ्यात्व का वर्णन सवरतत्व सम्बन्धी जीव की भूल स्प अगृहीत-गृहीत मिथ्यात्व का वर्णन निजंगतत्व सम्बन्धी जीव की भूल रूप भगृहीत-गृहीन मिथ्यात्व का वर्णन मोक्षतत्व सम्बन्धी जीव की भूल रूप अगृहीत गृहीत मिथ्यात्व का वर्णन छहढाला के प्रथम ढाल की प्रश्नावली छहढाला के दूसरी टान की प्रश्नावली छटाला के तीमरी ढाल की प्रश्नावली छहढाला के चौथी ढ़ाल की प्रश्नावली जीवतत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है (तीसरी ढाल) १०१ अजीवतत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है ? मारवतत्व का ज्यो का त्यों श्रद्धान क्या है ? १०७ वधतत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है ? सवरतत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है ? ११२ निर्जरातत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है ? मोक्षतत्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान क्या है ? ११६ ज्ञानी को आठ अग प्रगट होते है और ८ दोपो का अभाव १२० ज्ञानी को आठ मदो का तथा ६ अनायतन का अभाव ४-५-६ ढाल पर २० प्रश्नोत्तर स्वरूपाचरण चारित्र किसे कहते है ? १२८ चार प्रकार की इच्छाओ का वर्णन समाधिकरण का स्पष्ट वर्णन द्रव्यसग्रह की १४ गाथाओ का स्पष्टीकरण वीतराग-विज्ञानता के प्रश्नोत्तर १०६ ११२ ११४ ११४ ११८ १२१ १२२ १२६ १२६
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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