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________________ ( १४ ) है। (१) शरीर का उठना किससे हआ? आहार वर्गणा से। अत: आहार वर्गणा कर्ता हुआ (२) आहार वर्गणा ने क्या किया? शरीर का उठना । अत शरीर उठा यह कर्म हुआ। (३) शरीर का उठना किस साधन से हुआ? आहार वर्गणा के साधन द्वाग। अत आहारवर्गणा करण हुआ। (४)शरीर का करण उठना किसके लिए हुआ? आहारवर्गणा के लिए। अत आहार वर्गणा सम्प्रदान हुआ (५) शरीर का उठना किससे हुआ? अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक अपादान कारण का आभाव करके आहारवर्गणा मे से हुआ। अत आहार वर्गणा अपादान हुआ। (६) शरीर का उठना किसके आधार से हुआ? आहारवर्गणा के आधार से । अत आहारवर्गणा अधिकरण हुआ। प्र०८-कोई चतुर प्रश्न करता है कि आप कहते हो शरीर के उठने रुप कार्य का, आत्मा, रस्सी, बाजार आदि निमित्त कारको से सनथा सम्बन्ध नहीं है । तो फिर विश्व मे आहारवर्गणा पहिले से ही थी तब पहिले शरीर का उठना क्यो नहीं हुआ। अत: आपका ऐसा कहना कि आहार-वर्गणा उपादान-कारण और शरीर के उठने रुप कार्य-कर्म है यह बात झूठी साबित होती है ? उत्तर-अरे भाई हमने आहार वर्गणा को शरीर के उठने रुप कार्य का उपादान कारक कहा है, वह तो आत्मा, रस्सी, बाजार आदि निमित्त कारको से पृथक करने की अपेक्षा से कहा है। वास्तव मे आहारवर्गणा भी शरीर के उठने रुप कार्य का सच्चा उपादान कारण नहीं है। प्र० ६-आहार वर्गणा भी शरीर के उठने रुप कार्य का सच्चा उपादान कारण नहीं है, तो यहाँ पर शरीर के उठने रुप कार्य को सच्चा उपादान कारण कौन है ? उत्तर-आहार वर्गणा मे अनादिकाल से पर्यायो का प्रवाह चला
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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