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________________ ( १५ ) आ रहा है । मानो दस नम्बर पर शरीर के उठने रुप कार्य हुआ तो उसमे अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्वर क्षणिक उपादान कारण शरीर के उठने रुप कार्य का यहा पर सच्चा उपादान कारण है । प्र० १० - आहार वर्गणा मे अनादिकाल से पर्यायों का प्रवाह क्यों चला आ रहा है ? उत्तर- प्रत्येक द्रव्य-गुण अनादिअनन्त ध्रौव्य रहता हुआ एक पर्याय का व्यय और दूसरी पर्याय का उत्पाद एक ही समय मे स्वय स्वत अपने परिणमन स्वभाव के कारण करता रहा है, करता है, और भविष्य मे करता रहेगा ऐसा वस्तु स्वरुप है । इसी कारण अनादिकाल से आहारवर्गणा मे पर्यायों का प्रवाह चला आ रहा है । - प्र० ११ - अनन्तर पूर्ण क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण और शरीर के उठने रुप कार्य कर्म- इसको जाननेमानने से क्या-क्या लाभ रहे ? - उत्तर- ( १ ) भूत-भविष्य की पर्यायों से शरीर के उठने रुप कार्य हुआ ऐसी मान्यता दूर हो गई । ( २ ) आहारवर्गणा जो त्रिकाली उपादान कारक था, वह भी व्यवहार कारण हो गया । ( ३ ) अब यहा पर शरीर के उटने रुप कार्य के लिए मात्र अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना रहा । प्र० १२ - मै उठा - इस वाक्य पर अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की अपेक्षा छह कारण लगाकर समझाइये ? उत्तर- शरीर उठा- यह कार्य है और कार्य पर से छह प्रश्न उठते है । ( १ ) शरीर उठने रूप कार्य किसने किया ? अनन्तर पूर्व
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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