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________________ ( २१२ ) उत्तरः-सज्ञा, सख्या, लक्षण, प्रयोजन की अपेक्षा भेदरूप हैं। प्रश्न २१६-द्रव्यगुण अभेदरूप कैसे हैं ? उत्तर-(१) प्रदेशो की अपेक्षा द्रव्य-गुण अभेदरूप हैं। (२) क्षेत्र की अपेक्षा द्रव्य-गुण अभेदरूप है और (३) काल की अपेक्षा से द्रव्यगुण अभेदरूप हैं। प्रश्न २१७-द्रव्य-गुण मे संज्ञा भेद कैसे हैं ? उत्तर--एक का नाम द्रव्य है । दूसरे का नाम गुण है । यह सज्ञा अपेक्षा भेद है। प्रश्न २१८-द्रव्य-गुण संख्या अपेक्षा भेद कैसे है ? उत्तर-द्रव्य एक है और गुण अनेक है-यह सख्या अपेक्षा भेद है। प्रश्न २१६-द्रव्य-गुण लक्षण की अपेक्षा भेदरूप कैसे है ? उत्तर-(१) द्रव्य का लक्षण---गुणो का समूह है। (२) गुण का लक्षण-द्रव्य के सम्पूर्ण भागो मे और सम्पूर्ण अवस्थाओ मे रहेउसे गुण कहते है । यह लक्षण अपेक्षा भेद है। प्रश्न २२०--द्रव्य-गुण में प्रयोजन की अपेक्षा भेद कैसे है ? उत्तर-द्रव्य अभेदरूप है और गुणो का प्रयोजन भिन्न-भिन्न है। यह प्रयोजन अपेक्षा भेद है। प्रश्न २२१-भेद-अभेद के विषय में मोक्षमार्ग प्रकाशक आठवें अधिकार पृष्ठ २८४ मे क्या बताया है ? उत्तर-"वहाँ जीवादि वस्तु अभेद है । तथापि उसमें भेद कल्पना द्वारा व्यवहार से द्रव्य-गुण-पर्यायादिक के भेदो का निरूपण करते हैं । (११) भेद-अभेद के निश्चय, व्यवहार का नौ बोलो द्वारा स्पष्टीकरण प्रश्न २२२-'ज्ञानवाला जीव है'-इस वाक्य मे निश्चय-व्यवहार के विषय मे क्या जानना चाहिए?
SR No.010121
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages317
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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