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व्यवहार मुनिपना - इस प्रकार अगीकार करने मे निश्चय व्यवहार मुनिपने के परस्पर विरोध है । (२) उभयाभासी क्या करे ? सच्चा तो निश्चय व्यवहार मुनिपने का स्वरूप भासित हुआ नही । ( ३ ) सच्चा निश्चय व्यवहार मुनिपने का स्वरूप भासित न होने का क्या फल हुआ ? उत्तर - जिनमत मे निश्चय व्यवहार दो प्रकार का मुनिपना कहा है। उनमे से ( निश्चय - व्यवहार मुनिपने मे से ) किसी को छोडा भी नही जाता, ऐसा मानकर निश्चय - व्यवहार मुनिपने का साधन अपने को मानता है । ( ४ ) १० टोडरमल जी उभयाभासी के निश्चय व्यवहार मुनिपने के साधन को क्या बतलाते हैं ? इसलिए भ्रमसहित निश्चय व्यवहार मुनिपने के साधन साधने वाले जीवो को मिथ्यादृष्टि जानना |
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प्रश्न ३१ " ( १ ) यद्यपि इस प्रकार अंगीकार करने में दोनो नयो के परस्पर विरोध है, (२) तथापि करें क्या ? सच्चा तो दोनों नयो का स्वरूप भासित हुआ नहीं, (३) और जिनमत में दो नय कहे हैं, उनमें से किसी को छोडा भी नहीं जाता, (४) इसलिए भ्रम सहित दोनों का साधन साधते हैं, वे जीव भी मिथ्यादृष्टि जानना ।" इस उभयाभासी मान्यता वाला जीव निश्चय व्यवहार श्रावकपने को कैसा मानता है ? स्पष्टता से समझाइए ।
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उत्तर - प्रश्न ३० के अनुसार उत्तर दो ।
प्रश्न ३२ - - उभयाभासी मान्यता वाला जीव निश्चय व्यवहार सम्यक्दर्शन को कैसा मानता है- इस पर प्रश्न और उत्तर को स्पष्टता करो ?
उत्तर - प्रश्नोत्तर ३० के अनुसार प्रश्न व उत्तर दो ।
प्रश्न ३३ - उभवाभासी मान्यता वाला जीव निश्चय - व्यवहार इर्या समिति को फैसा मानता है- इस पर प्रश्न और उत्तर की स्पष्टता करो ?
उत्तर - प्रश्नोत्तर
३०
के अनुसार प्रश्न व उत्तर दो ।