________________ ( 176 ) उत्तर-द्रव्य मे पूर्व पर्याय के नाश को व्यय कहते हैं जैसे देव पर्याय के उत्पाद होने पर मनुष्य पर्याय का नाश / (202) प्रश्न ५३-ध्रौव्य किसे कहते हैं ? उत्तर-दोनो पर्यायो मे (उत्पाद और व्यय मे) द्रव्य का सदृशता रूप स्थायी रहना, उसे ध्रौव्य कहते हैं, जैसे कि देव और मनुष्य पर्याय मे जीव का नित्य स्थायी रहना। (203) प्रश्न ५४-उत्पाद के नामान्तर बताओ? उत्तर-उत्पाद, सभव, भव, सर्ग, सृष्टि, भाव / प्रश्न ५५–व्यय के नामान्तर बताओ? उत्तर-व्यय, भग, ध्वस, सहार, नाश, विनाश, अभाव, उच्छेद / प्रश्न ५६-ध्रुव के नामान्तर बताओ? उत्तर-ध्रुव, ध्रौव्य, स्थिति, नित्य, अवस्थित / प्रश्न ५७-उत्पात व्यय प्रौव्य के बारे में कुछ कहो ? उत्तर-उत्पाद, व्यय ध्रौव्य मे अविनाभाव है। एक समय मे होते हैं / स्वय सत् का उत्पाद, सत् का व्यय या सत् का ध्रौव्य नही होता किन्तु सत् की किसी पर्याय का व्यय, किसी पर्याय का उत्पाद तथा कोई पर्याय ध्रौव्य है। प्रश्न ५८-उत्पाद व्यय और प्रौव्य दोनों के मानने से क्या लाभ है उत्तर-ध्रौव्य दृष्टि से वस्तु अवस्थित और उत्पाद व्यय दृष्टि से अनवस्थित है। (198) अन्तर अधिकार (5) प्रश्न ५६-उत्पाद व्यय ध्रौव्य मे और सत् मे क्या अन्तर है ? उत्तर-अभेद दृष्टि से सत् गुण कहते है और भेद दृष्टि से उसी को उत्पाद व्यय ध्रौव्य कहते हैं। (87) प्रश्न ६०–सत् और द्रव्य में क्या अन्तर है ?