________________ ( 177 ) प्रदेशत्व इत्यादि। जो छहो द्रव्यो मे न पाये जाकर किसी द्रव्य मे पाये जाते हैं, उन्हे विशेष गुण कहते हैं जैसे जीव मे ज्ञान दर्शन या पुद्गल मे स्पर्श रस इत्यादि। (160, 161) प्रश्न ४२-गुणो के इस भेद से क्या सिद्धि है ? उत्तर-सामान्य गुणो से द्रव्यत्व सिद्ध किया जाता है और विशेष गुणो से द्रव्य विशेष सिद्ध किया जाता है क्योकि उभयगुणात्मक वस्तु है। जो अस्तित्व गुण वाला है वही ज्ञान गुण वाला है। इनसे प्रत्येक वस्तु भिन्न-भिन्न सामान्य विशेषात्मक सिद्ध हो जाती है और जीव की अनादिकालोन एकत्व बुद्धि का नाश होकर भेद विज्ञान को सिद्धि होती है। पर मे कर्तृत्व बुद्धि का नाश होता है। स्व का आश्रय करके स्वभाव पर्याय प्रगट करने की रुचि जागृत हो जाती है / (162, 163) पर्यायत्व अधिकार (3) प्रश्न ४३-पर्याय किसे कहते हैं ? उत्तर-अखण्ड सत् मे अश कल्पना को पर्याय कहते है। (26, 61) प्रश्न ४४–पर्याय के नामान्तर बताओ? उत्तर-पर्याय, अश, भाग, प्रकार, भेद, छेद, भग, उत्पादव्यय, क्रमवर्ती, क्रमभू, व्यतिरेकी, अनित्य, अनवस्थित / (60, 165) प्रश्न ४५-व्यतिरेकी किसे कहते हैं ? उत्तर-भिन्न-भिन्न को व्यतिरेको कहते हैं / 'यह यही है यह वह नही है' यह उसका लक्षण है। (152, 154) प्रश्न ४६-व्यतिरेक के भेद लक्षण सहित लिखो? .. उत्तर-व्यतिरेक चार प्रकार का होता है (1) देश व्यतिरेक (2) क्षेत्र व्यतिरेक (3) काल व्यतिरेक (4) भाव व्यतिरेक / एकएक प्रदेश का भिन्नत्व देश व्यतिरेक है। एक-एक प्रदेश क्षेत्र का