________________ ( 172 ) कारण परिणमता है। कभी किसी पदार्थ का अश न स्वय अपने मे लेता है और न अपना कोई अग दूसरे को देता है। (8) प्रश्न -अनादि अनन्त और स्वसहाय मे पया अन्तर है ? उत्तर-अनादि अनन्त मे उसे उत्पत्ति नाश से रहित बताना है और स्वसहाय में उसकी स्वतन्त्र स्थिति तथा स्वतन्त्र परिणमन वताना प्रश्न :-निर्विकल्प किसे कहते हैं ? उत्तर-द्रव्य के प्रदेश भिन्न, गुण के प्रदेश से भिन्न पर्याय के प्रदेग भिन्न, उत्पाद के प्रदेश भिन्न, व्यय के प्रदेश भिन्न, ध्रव के प्रदेश भिन्न, जिसमे न हो अर्थात जिसके द्रव्य से, क्षेत्र से, काल से, भाव से किसी प्रकार सर्वथा खण्ड न हो सकते हो, उसे निर्विकल्प या अखण्ड कहते है। (8) प्रश्न १०-महासत्ता फिसको कहते हैं ? उत्तर-सामान्य को, अखण्ड को, अभेद को। (265) प्रश्न ११--अवान्तरसत्ता फिसको कहते हैं ? उत्तर-विशेष को, खण्ड को, भेद को। (266) प्रश्न 12 महासत्ता अवान्तरसत्ता भिन्न-भिन्न है क्या? उत्तर-नही, प्रदेश एक ही है, स्वरूप एक ही है, केवल अपेक्षाकृत भेद है। वस्तु सामान्यविशेषात्मक है। अभेद की दृष्टि से वह सारी महासत्ता रूप दीखती है। भेद की दृष्टि से वही सारी अवान्तर सत्ता रूप दीखती है जैसे एक ही वस्तु को सत रूप देखना महासत्ता और उसी को जीवरूप देखना अवान्तर सत्ता है। (15, 16, 264, 267, 268) प्रश्न १३-सामान्य विशेष से क्या समझते हो? उत्तर-द्रव्य को अखण्ड सत् रूप से देखना सामान्य है और उसी को किसी भेद रूप से देखना विशेप है। जैसे एक ही वस्तु को सत् रूप देखना सामान्य है उसी को जीव रूप देखना यह विशेष है। वस्तु है / वस्तु उभयात्मक है। (15, 16)