________________ ( 171) उत्तर-जो सत् स्वरूप, स्वत सिद्ध, अनादि अनन्त, स्वसहाय और निविकल्प (अखण्डित) है वह द्रव्य है। (8, 747 प्रथम पक्ति, 750 प्रथम पक्ति) प्रश्न २-पर्यायाथिक नय से (व्यवहार दृष्टि से-भेद दृष्टि से) द्रव्य का क्या लक्षण है ? उत्तर-(१) गुणपर्ययवद्रव्य (2) गुणपर्ययसमुदायो द्रव्य (3) गुणसमुदायो द्रव्य (4) समगुणपर्यायो द्रव्य (5) उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्त सत्-सत् द्रव्य लक्षण / ये सब पर्यायवाची हैं। सब गुण और त्रिकालवर्ती सब पर्यायो का तन्मय पिण्ड द्रव्य है यह इसका अर्थ है। (72, 73, 86, 747 दूसरी पक्ति, 746) प्रश्न ३---प्रमाण से (भेदाभेद दृष्टि से)द्रव्य का क्या लक्षण है ? उत्तर-जो द्रव्य गुणपर्यायवाला है वही द्रव्य, उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्त है तथा वही द्रव्य, अखण्डसत् अनिर्वचनीय है। (261 प्रथम पक्ति, 748, 750 दूसरी पक्ति) प्रश्न ४-द्रव्य के नामान्तर बताओ? उत्तर-द्रव्य, तत्व, सत्व, सत्ता, सत, अन्वय, वस्तु, अर्थ, पदार्थ, “सामान्य, धर्मी, देश, समवाय, समुदाय, विधि / (143) प्रश्न ५-स्वतः सिद्ध किसे कहते हैं ? उत्तर-वस्तु पर से सिद्ध नहीं है। ईश्वरादि को बनाई हुई नही है। स्वतः स्वभाव से स्वय सिद्ध है। प्रश्न ६-अनादि अनन्त किसे कहते हैं ? उत्तर-वस्तु क्षणिक नहीं है। सत् की उत्पत्ति नहीं है, न सत् का नाश है, वह अनादि से है और अनन्त काल तक रहेगी। (8) प्रश्न ७-स्वसहाय किसे कहते हैं ? उत्तर-पदार्थ पदार्थान्तर के सम्बन्ध से पदार्थ नहीं है। निमित्त न्या अन्य पदार्थ से न टिकता है और न परिणमन करता है। अनादि -अनन्त स्वभाव या विभाव रूप से स्वय अपने परिणमन स्वभाव के (8)