________________
( १७० ) प्रभेद स्वभाव की दृष्टि कर सच्चा क्षयोपशम प्राप्त करता है।
(२) ज्ञानी अभेद दर्शन स्वभाव का प्राश्रय लेकर पर्याय में केवलदर्शन की प्राप्ति करता है।
(३) अज्ञानी इन चार पर्यायों को जानकर शास्त्र
अभिनिवेश में पागल बना रहता है। प्रश्न (२७६)-चारित्र गुण का परिणमन कितने प्रकार का है? उत्तर-शुद्ध और प्रशुद्ध तथा अशुद्ध के शुभ और अशुभ दो
प्रकार हैं। प्रश्न (२७७)-चारित्र गुण के परिणमन को जानने से क्या
लाभ है ? उत्तर- (१) पर्याय में अशुद्ध परिणमन है ।
(२) स्वभाव मे शुद्ध और अशुद्ध का भेद नही है ऐसा जानकर अभेद स्वभाव का प्राश्रय लेकर अशुद्ध परिणमन का प्रभाव और शुद्ध परिणमन की प्राप्ति
इसको जानने का लाभ है। प्रश्न (२७८)-स्पर्श क्या है ? उत्तर--पुद्गल द्रव्य का विशेष गुण है। प्रश्न (२७६)-स्पर्श गुण की की कितनी पर्याये है ? उत्तर- हल्का-भारी, दडा-गरम, रूखा-चिकना, कड़ा-गरम पाठ
पर्याय है। प्रश्न (८०) स्पर्श गुण की पाठ पर्यायो के जानने से क्या
लाभ है।