________________ ( 203 ) उत्तर-(१) आत्मा का ज्ञान, राग, बोलना। (2) मुंहरूप र वर्गणा / (3) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक दान कारण। C. प्रश्न २०-रागरूप कार्य-उस समय पर्याय की योग्यता णिक उपादान कारण से ही हुआ है। ऐसा जानने-मानने से रागरूप कार्य के लिए किस किस कारण पर दृष्टि नहीं जाती है ? उत्तर-(१) आत्मा का ज्ञान, बोलना, मुंह खुला। (2) आत्मा का चारित्र गुण / (3) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण। D. प्रश्न २०-ज्ञानरूप कार्य-उस समय पर्याय को योग्यता क्षणिक उपादान कारण से ही हुआ है। ऐसा जानने-मानने से ज्ञानरूप कार्य के लिए किस-किस कारण पर दृष्टि नहीं जाती है ? उत्तर-(१) राग, मुह खुलना, बोलना। (2) आत्मा का ज्ञानगुण। (3) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण। PAP 21 FP " A. प्रश्न २१-आत्मा का ज्ञान कारण और बोलना कार्य / "कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ? मा उत्तर-भाषा वर्गणा मे से अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से बोलनेरूप कार्य हआ है आत्मा के ज्ञान से 26 नहा हुआ है तो कारणानुविधायीनि कार्याणि को माना। और बोलनेरूप कार्य आत्मा के ज्ञान से हुआ है तो कारणानुविधायीनि कार्याणि को नही माना। B..प्रश्न २१-आत्मा का ज्ञान कारण और मुह खुला कार्य / कारणानुविधायीनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना ?